कलुसीयो 2 - जीवन को च्यानणो (सेकावाटी नया नियम की पोथ्या)1 म चाऊँ क थे इ बातनै जाणो क, म थारै ताँई, लोदिकीया नगरी म रेह्बाळा अर बा सगळा ताँई जाऊँ मेरो आमनो-सामनो कोनी होयो, कत्ती चिंत्या राखूँ हूँ। 2 ओ म इ ताँई करूं हूँ क, बाका हिया म हिमत बंधै अर बे आपसरी का प्यार-परेम म बंद जावै, अर बाकन मोकळी पक्की समज होवै जखी परमेसर पिता का भेदनै सूल जाणबाऊँ आवै ह। ओ भेद मसी ह जिनै परमेसर खोल्यो ह। 3 मसी म सगळा ज्ञान अर बुदी को खजानो लुखेड़ो ह। 4 अंय्यां म इ ताँई बोलुँ हूँ क कोई थानै आपकी मिठी-मिठी बाताऊँ धोको नइ दे सकै। 5 बंय्यां तो म कायाऊँ थारूँ दूर हूँ पण आत्माऊँ थारै कनै हूँ, म राजी हूँ अर सुणर्यो हूँ क थे सई ढंगऊँ हो अर मसी म थारो बिस्वास मजबूत ह। मसी म भर्योपूरो जीवन 6 इ ताँई जंय्यां थे मसी ईसुनै परबु मान्यो ह, बंय्यांई बिमै बण्या रह्यो। 7 अर जंय्यां थानै सीखायो गयो ह बंय्यांई थारी जड़ानै बिमै फिलार बढता जाओ। बिपै थारा जीवना की निम गेरो। अर बिस्वास म पक्का होर बिको धनेवाद करता रेह्ओ। 8-9 सचमई मसी ईसु जखो मिनख बणर आयो बिमै परमेसर को सगळो सुभाव भरपूरी क सागै बास करै ह। इ ताँई थे बेमतबल की जिरै-बाजीऊँ समळर रेह्ओ कदै कोई थानै आको गुलाम नइ बणाले क्युं क अ मसी कानिऊँ नइ पण मिनखा का रिती-रिवाजा अर जगत प राज करबाळी आत्मा कानिऊँ आवै ह। 10 अर बिमैई थे भर्यापूरा हो, जखो सगळी राज करबाळी अर अधिकार राखबाळी सक्तियाऊँ बोळो बडो ह। 11 थारा खुदका पापी सुभाव का छुटकारा ताँई थारी सची सुन्नत मिनखा क हाताऊँ नइ पण मसीऊँ करेड़ी ह। 12 अर जद थे बतिस्मो लिआ जणा मसी क सागै गाड्या गया हा अर परमेसर की काम करबाळी सक्ति प थारा बिस्वासऊँ ओज्यु मसी क सागै जीवाया गया हा। जि मसीनै परमेसर मरेड़ा मऊँ ओज्यु जीवायो हो। 13 मसी प बिस्वास करबाऊँ पेल्या थे थारा पाप की बजेऊँ आत्मा म मरेड़ा अर बिना सुन्नतहाळा हा। पण इब परमेसर थानै मसी क सागै जीवायो अर सगळा पापऊँ आपणानै माफ कर दिओ; 14 अर बि आदेसनै जखो आपणै नाम अर खिलापत म हो बिनै भुजाण दिओ अर ईसुनै सुळी प किलाऊँ जड़र आपणै सामैऊँ बि लेखनै हटा दिओ, 15 अर राज करबाळा अर उपरी सक्तिया का अधिकारी का हतियार खोसर सुळीऊँ बाको चोड़ै-धाड़ै तमासो बणायो अर बानै आपकै गेल कर जीत को जुलस काड्यो। 16-17 इ ताँई खाबो-पीबो, तिहवार, पुन्यु अर अरामहाळा दिन क बारां म बताबाळा नियम सदाई कोनी बण्या रेह्वै अर अ रिती-रिवाज छाया जंय्यां का हीं पण सचाई तो मसी मई ह इ ताँई ज कोई थार प आ बाता की बजेऊँ बलेम लगावै जणा बिऊँ दुखी मना होवो। 18 जखो मिनख देख-दिखावा की नरमाई बरतै अर ईस्बर नगरी दुतानै पूजबा को काम करै ह बिनै थारा इनाम पाबा म रोड़ो मना बणबा द्यो। अंय्यांलको मिनख सदाई बा दिव्य दरसावा की फांप मारतो रेह जखा बो देख्या हा अर बो आपका अर मिनखा का बिचार म झूठोई गुमान म फुल्यो रेह्वै ह, 19 अर अंय्यांलको मिनख मसी म कोनी बण्यो रेह। मसी बिस्वासी मंडळी को सीर ह। मसी का बसऊँई सगळी काया रूपी बिस्वासी मंडळी पळै अर जोड़ अर नसाऊँ मिलर जंय्यां परमेसर चावै ह बंय्यांई बढती जावै। मसी क सागै मरबो अर जिबो 20 थे तो मसी क सागै मरेड़ा हो अर थानै जगत प राज करबाळी आत्मा क कनैऊँ छुडायड़ो ह। जणा पाछै थे आ जगत का मिनखा की जंय्यां क्याले जीओ हो? थे जगत का अंय्यांलका नियमानै क्याले मानो हो? 21 जंय्यां, “इनै हातऊँ नइ पकड़णो, इकै कोनी अड़बो, इनै कोनी खाणो” 22 अ सगळी चिजा खतम होबाळी चिजा हीं, अर अ मिनखा का आदेस अर सीख ह। 23 ईस्बर नगरी दुतानै पूजबो, आपकी कायानै दुख देबो, देख-दिखावा की नरमाई अ मिनखा का बणाएड़ा झूठा नियम, ज्ञान की बाता तो लागै पण काया की बासनानै रोकबा ताँई अ क्युंई फाईदो कोनी करै। |
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