2 कुरन्थीयो 2 - जीवन को च्यानणो (सेकावाटी नया नियम की पोथ्या)1 इ ताँई म ध्यारमाली ही क म थारै कनै ओज्यु कोनी आऊँ जिऊँ नइ तो म थानै दकालूं अर नइ थे बिऊँ दुखी होवो। 2 क्युं क ज म थानै दुखी करूं जणा मनै कूण राजी करसी? के थे जिनै म दुखी करतो? नइ! 3 जणाई तो म थानै गेलड़ी चिठी म मांड्यो हो क जद म थारै कनै आऊँ जणा थारूँ जखा मनै सुक देवै ह बाऊँ दुखी नइ होऊँ। क्युं क मनै थारै उपर भरोसो ह क मेरी खुसी मई थारी खुसी ह। 4 क्युं क म अ बाता दुखी हियाऊँ अर पिड़ा म आसुआ क सागै थानै मांडी ही। इको मतबल ओ कोनी क म थानै दुखी करबो चावै हो पण इ ताँई मांडी ह क जखो परेम म थारूँ करूं हूँ बिनै थे जाणल्यो। बुराई करबाळानै माफ करो 5 इब म बि मिनख क बारां म मांडबो चाऊँ हूँ जखो आपका करमाऊँ मनैई नइ पण थानै मेरूँ बेत्ती दिन घाल्यो ह। इकै बावजुद बी म इ मामलानै ओर बेत्ती कोनी खिचबो चाऊँ। 6 अंय्यां करबाळा मिनखनै बिस्वासी मंडळी का घणकराक मिनख ओळमो दे दिआ हीं आ सजा बि ताँई बोळी ह। 7 इब थे बिनै ओर सजा देबो बंद करो अर बि मिनखनै माफ कर बिकी हिमत बढाओ जिऊँ अंय्यां नइ होवै क बो दुख मई पड़्यो रेह्वै। 8 इ ताँई म थानै बोलुँ हूँ क थे बिऊँ सचो परेम करो। 9 म सगळी बाता इ ताँई थानै मेरी गेलड़ी चिठी म मांडी ही जिऊँ मनै ओ बेरो पड़ सकै क थे मेरी हिदायतानै मानो हो क कोनी। 10 पण ज थे कोईनै बी कोई बात ताँई माफ करो हो जणा म बी बिनै माफ करूं हूँ। अर जोक्यु बी म माफ करूं हूँ बो मसी क सामै थारै ताँई करूं हूँ, 11 जिऊँ क आपा सेतान की भंगर्या म नइ आवां। क्युं क आपा बिकी चालाऊँ अणजाण कोनी हां। तरोआस म पोलुस की चिंत्या 12 जद म मसी का चोखा समचार को परचार करबा तरोआस गयो हो जणा मेरै ताँई परबु गेलो खोल दिओ। 13 पण बठै जद मनै बिस्वासी भाईड़ो तितूस कोनी लाध्यो जणा मेरा जीव म तसली कोनी आई। अर म बठैऊँ बिदा होर मकीदुनिया कानि चाल पड़्यो। 14 परमेसर को धनेवाद हो क बो आपानै मसी की बजेऊँ सदाई जीत का गेला प लेज्यावै ह। अर परमेसर मसी की बाता का ज्ञाननै च्यारूमेर फेलाबा ताँई आपानै चोखी सुगंद की जंय्यां काम म लेवै ह। 15 जखा नास कर्या जावै अर बचाया जावीं हीं बाकै मांयनै आपा बि धूप की सुगंद की जंय्यां हां जखी मसी परमेसर क चढावै ह। 16 क्युं क जखा मोत का गेला प नास होबा ताँई जार्या हीं बा ताँई मोत की बास हां। अर जखा छुटकारा का गेला प जार्या हीं बा ताँई जीवन की सुगंद हां। पण आ बाता क जोगो कूण ह? 17 परमेसर का बचना को परचार को धंधो करबाळा बोळा हीं बे आपको फाईदो चावै ह। पण म्हें अंय्यां का कोनी हां, म्हानै परमेसर सचाई क सागै बोलबा ताँई ईसु मसी का दास क रूप म भेज्यो ह। |
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