1 कुरन्थीयो 15 - जीवन को च्यानणो (सेकावाटी नया नियम की पोथ्या)चोखो समचार 1 मेरा लाडला बिस्वास्यो, इब म थानै बि चोखा समचार की याद दिआऊँ जखो म थानै सुणायो हो। थे बिनै मान्या अर आज ताँई बिनै मानर्या बी हो। 2 ज मेरै जरिए सुणाईड़ा समचार प थे मजबूतीऊँ चालो जणा परमेसर थानै बचासी। ज थे अंय्यां कोनी करस्यो जणा मसी म थारो बिस्वास करबो बेकार ह। 3 सऊँ खास बात जिको मनै बेरो पड़्यो बा म थानै खे सुणाई क सास्तर म मांडेड़ो ह क, मसी आपणा पाप की सजा भोगबा ताँई मर्यो, 4 अर बिनै कबर म धर दिओ गयो पण सास्तर म मांडेड़ो ह क बो तिजै दिन जी उठ्यो। 5 इकै पाछै बो केफा क सामै परगट होयो जणा पाछै बो सगळा बारा भेजेड़ा चेला क सामै। 6 इकै पाछै बो पानसोऊँ बेत्ती भाईड़ानै जद बे एक सागै भेळा हा दिख्यो, अर आमैऊँ घणकराक हाल ताँई जीवै ह, पण कई चलता रिह्या। 7 इकै पाछै बो याकूबनै दिख्यो, जणा पाछै सगळा भेजेड़ा चेलानै दिख्यो, 8 आखीर म मेरै सामै बी परगट होयो। जदकी म तो अजिब तरिकाऊँ भेजेड़ो चेलो बण्यो। 9 म सगळा भेजेड़ा चेलाऊँ छोटो हूँ म तो भेजेड़ो चेलो खुवाबा जोगोई कोनी क्युं क म परमेसर की बिस्वासी मंडळी का मिनखानै सतायो करतो हो। 10 अर आज म जोक्यु बी हूँ परमेसर की दयाऊँ हूँ, अर बिकी दया मेर ताँई बेकार कोनी गई म दुसरा भेजेड़ा चेलाऊँ बढचढ'र मेनत करी ह। पण आ मेरी काबलीयत कोनी आ तो परमेसर की दया ह। 11 जणा चाए म थानै चोखो समचार सुणायो हो नहिस चाए बे, म्हें एकई समचार सुणावां हां जिपै थे बिस्वास कर्या हो। आपणो जि उठबो 12 जंय्यां की म्हें सगळा एकई समचार सुणावां हां क मसीनै मरेड़ा मऊँ ओज्यु जीवायो गयो हो, जणा थारै मऊँ कोई कंय्यां खे सकै ह क बिस्वास्यानै मर्या पाछै जीवायो कोनी ज्यासी? 13 अर ज मर्या पाछै जीवायो कोनी जा सकै जणा मसी बी कोनी जीवायो गयो। 14 अर ज मसीनै कोनी जीवायो गयो जणा म्हारो परचार करबो अर थारो बिस्वास करबो दोन्यु बेकार ह। 15 ज आ बात सच ह क मर्या पाछै कोई कोनी जीवायो ज्यासी जणा परमेसर क बारां म थारूँ झूठ बोलबा ताँई म्हें दोसी बणगा हां क्युं क म्हें थारूँ खया हा क परमेसर मसीनै जीवायो हो। 16 पण ज साच्याई मरेड़ा कोनी जीवाया जावीं जणा मसी बी कोनी जीवायो गयो। 17 अर ज मसी कोनी जीवायो गयो जणा थारो बिस्वास करबो बेकार ह क्युं क परमेसर थानै थारा पाप की बजेऊँ सजा देसी। 18 अर जत्ता बी मसी प बिस्वास करता होया मर्या बे तो नास होगा। 19 अर ज आपा इ दुनिया की मो-मायानै पाबा ताँई मसीऊँ आस लगा राखी ह जणा आपा सगळा मिनखाऊँ अभागा मिनख हां। 20 पण सचाई आ ह क मसीनै मरेड़ा मऊँ जीवायो गयो आ इ बात की जामनी ह क मरेड़ानै जीवायो ज्यासी। 21 क्युं क जंय्यां एक मिनखऊँ मोत आई बंय्यांई एक मिनख क जरिए मोतऊँ ओज्यु जी उठबो होयो। 22 आदम का करम को फळ मोत बिकी सगळी ओलादा प बी लागू होई बंय्यांई मसी का करम को फळ मोतऊँ जि उठबो बा सगळा प लागू होवै जखा मसीऊँ जुड़ेड़ा हीं। 23 पण आपणा सगळा को बी सरो आसी। सऊँ पेली परमेसर मसीनै मरेड़ाऊँ जीवायो अर जद ईसु ओज्यु आसी जणा परमेसर बा सगळानै जीवासी जखा मसीऊँ जुड़ेड़ा हीं। 24 इकै पाछै इ दुनिया को अंत आसी, मसी राज करबाळा, उपरी सक्तिया प राज करबाळा अर सक्तियानै नास करसी। जणा पाछै मसी आपको राज परम-पिता परमेसर क हाता म सूप देसी। 25 पण जद ताँई परमेसर मसी का सगळा बेरीयानै बिकै पगा तळै नइ कर दे मसी को राज करबो ते ह। 26 आखीर म आखरी बेरी मोत को नास कर्यो ज्यासी। 27 क्युं क सास्तर म मंडर्यो ह, “परमेसर सक्यु बिकै अधिकार तळै कर दिओ ह।” पण आ बात साप ह क, सक्यु म परमेसर सामिल कोनी ह क्युं क बो परमेसरई ह जखो सक्यु मसी क अधिकार क तळै कर्यो ह। 28 सक्यु परमेसर का बेटा क अधिकार तळै कर्या जाबा क पाछै, बो खुदनै पूरी-तर्या परमेसर क अधिकार क तळै कर देसी, परमेसर जखो बिनै ओ अधिकार दिओ ह। जणा पाछै परमेसर सगळी चिजा प पूरी-तर्या राज करसी। 29 ज आ बात सच ह क मरेड़ा मऊँ जि उठबो कोनी ह जणा बाको काँई होसी जखानै मरेड़ा ताँई बतिस्मो दिओ जावै ह? ज मरेड़ा मऊँ जि उठबो कोनी जणा बा कूणसी आस ह जि ताँई अंय्यां कर्यो जावै ह। 30 अर ज अंय्यां ह जणा म्हें तो बावळाई हां जखा हर घड़ी चोखा समचारनै सुणाबा ताँई खतरो उठावां हां। 31 मेरा बिस्वासी भाईड़ो, मसी ईसु क सागै थारा रिस्ता की बजेऊँ म थार प गुमान करूं हूँ आ बात जत्ती सच ह बत्तिई आ बी सच ह क म रोजकी मेरी ज्यान को खतरो उठाऊँ हूँ। 32 ज परमेसर बिस्वास्यानै मर्या पाछै ओज्यु कोनी जीवावै जणा बाकै सागै लड़बा को काँई फाईदो जखा इफिसुस नगरी म मेरै सागै जंगली जिनावरा की जंय्यां लड़्या। ज सई मई मरेड़ा मऊँ जिबो कोनी ह, “जणा आओ आपा खाई पी करां क्युं क काल तो आपानै मरनोई ह।” 33 धोको मना खाज्यो क्युं क, “बुरी संगती चोखी बाणनै बिगाड़ देवै ह।” 34 चेता म आओ, अर पाप को गेलो छोड द्यो। म थानै थारी सरमिंदगी दिखाऊँ हूँ क्युं क थारै म क्युंक मिनख परमेसरनै कोनी जाणै। नई काया 35 पण कोई बुज सकै ह, “मरेड़ा कंय्यां जीवाया जा सकै ह? अर बानै कंय्यां की काया मिलसी?” 36 अरै बावळो! थे जखो बीज धरती म बोवो हो बो जद ताँई सिड़ नइ जावै ओज्यु कोनी उगै। 37 अर जिनै थे बोयो हो बा काया कोनी पण ग्युं को नहिस ओर ख्याको एक बीजई तो ह बिऊँ उगबाळो बोजो बोळो न्यारो ह। 38 परमेसर आपकी इंछ्या गेल बीजऊँ बोजा निकाळै ह। अर हरेक बीज को एक खास बोजो ह। 39 जत्ता बी जीव ह बाकी सगळा की काया एक जिसी कोनी। मिनखा की एक तर्या की काया ह, जिनावरा क दुसरी तर्या की, पंछ्या क न्यारी तो मछ्या की न्यारीई होवै ह। 40 क्युं क कई काया ईस्बर नगरी की होवै ह कई धरती की, पण ईस्बर नगरी की काया को तेज न्यारोई होवै ह अर धरती को न्यारो। 41 जंय्यां क सूरज, चाँद अर तारा की चमक म फरक होवै ह। अर अठै ताँई क एक ताराऊँ दुसरा तारा की चमक म बी फरक ह। 42 इ ताँई जद मरेड़ा ओज्यु जीवाया ज्यासी जणा अंय्यांई होसी। अर जखी कायानै इ धरती प गाड्यो जावै बा नसबर ह पण जखी नई काया आपानै मिलसी बा अमर ह। 43 अर जखी कायानै धरती म गाड्यो जावै ह, बा कमजोर अर बेजत ह। पण जद आ काया ओज्यु जीवाई जासी बा परमेसर की मेमा अर सक्तिऊँ भरेड़ी होसी। 44 अर जखी कायानै धरती म गाड्यो गयो ह बा माटी की काया ह पण जद इ कायानै ओज्यु जीवायो ज्यासी आ आत्मिक होसी। अर ज माटी की काया होवै ह जणा आत्मिक काया बी होवै ह। 45 क्युं क पबितर सास्तर म मंडर्यो ह क “पेलो मिनख आदम जिनै एक जिंदा पराणी क रूप रच्यो गयो” पण आखरी मिनख मसी जीवन देबाळी आत्मा ह। 46 पेल्या आत्मिक जीवन कोनी मिलै पण माटी की काया मिलै पाछैई आत्मिक जीवन मिलै ह। 47 पेला मिनखनै धरती की माटीऊँ सरज्यो गयो। पण दुसरो मिनख मसी ईस्बर नगरीऊँ आयो। 48 धरती का सगळा मिनख माटी की काया ले राखी ह जंय्यांकी बि पेला मिनख की ही। अर ईस्बर नगरी म सगळा कनै आत्मिक काया होसी जंय्यांकी मसी की ह जखो ईस्बर नगरीऊँ आयो हो। 49 अर जंय्यां आपा माटीऊँ सरजेड़ा मिनख आदम कोसो रूप धारण करां हां, बंय्यांई आपा ईस्बर नगरीऊँ आएड़ा मसी की जंय्यां रूप बी धारण करस्यां। 50 मेरा लाडला बिस्वास्यो, म थानै बताऊँ हूँ क आपणी आ काया जखी मास अर लोयऊँ बणेड़ी ह परमेसर का राज म कोनी जा सकै। अर ना नसबर काया अमर होसी। 51 थे गोर लगार सुणो, म थानै एक भेद की बात बताऊँ हूँ: आपा सगळा मरा कोनी, पण आपणो रूप बदल्यो ज्यासी। 52 अर जद आखरी नरसिंगो फुक्यो ज्यासी जणा आँख मीचताई आपा बदल्या जास्यां। नरसिंगा की उवाज जद आपणा काना म पड़सी जणा सगळा मरेड़ा बिस्वासी ओज्यु नइ मरबा ताँई जीवाया जासी अर जखा जीवता बिस्वासी हीं बे कदैई नइ मरबा ताँई बदल्या जासी। 53 क्युं क नसबर काया को नास नइ होबाळी काया म बदलबो जरूरी ह। अर मरबाळा जीवन को कदैई नइ मरबाळा जीवन म बदलबो जरूरी ह। 54 जद अंय्यां होसी, मतबल जद नसबर कायानै नास नइ होबाळी काया म बदल्यो ज्यासी जणा पबितर सास्तर म मंडेड़ो आंक पूरो होसी, “मोतनै नास कर बिनै जीत लिओ गयो।” 55 “हे मोत तेरी जीत कठै ह? अर तेरो डंक कठै ह?” 56 आपा मरा हां क्युं क आपा पाप करां हां, अर आपणै कनै नेम-कायदो ह जिकी बजै आपा जाणा हां क पाप करां हां। 57 पण परमेसर को धनेवाद ह क बो आपानै परबु ईसु मसी क जरिए मोत प जीत दिलावै ह। 58 इ ताँई मेरा लाडला बिस्वास्यो, बिस्वास म मजबूत बण्या रेह्ओ अर जमाई संका मना करो। अर परबु का काम म खुदनै लगाया राखो। क्युं क थे जाणो हो क परबु ताँई करेड़ो काम बेकार कोनी जावै। |
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