मरकुस 7 - नुवो नेम (मेवड़ी नया नियम)परमेसर को आदेस मनकाँ का रिति-रिवाजऊँ मोटो हे ( मत्ती 15:1–9 ) 1 यरूसलेमऊँ आया तका थोड़ाक फरीसी अन मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा लोग, ईसू के भड़े आन भेळा वेग्या। 2 वणा देक्यो के, ईसू का थोड़ाक चेला फरीसी का नेमा के जस्यान हात धोन खाणो ने खारिया हे। 3 काँके फरीसी अन हारई यहूदी लोग आपणाँ पूरबजाँ का रिति-रिवाज का नेमा के जस्यान हात हव तरियाऊँ ने धो लेता, वतरे खाणो ने खाता हा। 4 अन वीं बजारऊँ आन जतरे हापड़ ने लेता, वतरे वीं खाणो ने खाता हा। अस्यानीस नरी ओर भी अस्यी रीतियाँ ही, जिंको पालण करता हा, जस्यान के लोट्या, कळस अन ताँबा का ठामड़ा ने माँजणा अन धोणा। 5 ईं वाते वाँ फरीसियाँ अन मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा ईसुऊँ पूँछ्यो, “थाँका चेला पूरबजाँ का नेमा को पालण काँ ने करे हे अन बना हात धोया खाणो काँ खा लेवे हे?” 6 ईसू वाँने क्यो, “थाँने कपटी केन यसाया ज्यो परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळे हाँचो क्यो अन लिक्यो हो, “परमेसर केवे के, ‘ईं मारो आदर होटऊँ तो करे, पण अणाको मन माराऊँ घणो छेटी राके। 7 अणाकी भगती बना काम की हे, काँके ईं लोगाँ ने मनकाँ का बणाया तका नेमा ने परमेसर का नेमा का जस्यान हिकावे हे।’” 8 “थाँ परमेसर को आदेस टाळन एक दयने राक दिदो हे अन थाँ मनकाँ का रिति-रिवाजाँ ने मानरिया हो।” 9 पछे ईसू वाँने क्यो, “थाँ आपणी रीतियाँ ने मनाबा का वाते परमेसर का आदेसा ने टाळबा में घणा हूँस्यार हो। 10 काँके मूसे क्यो हो, ‘ज्यो आपणाँ बई-बापू को आदर ने करे अन अपमान करे, वींने मार देणो छावे।’ 11 पण, थाँ केवो के, यद्याँ कुई मनक आपणाँ बई-बापूऊँ केवे के, मारी जणी चिजऊँ थाँने नफो वे सकतो हो वा तो कुरबान हे, जिंको अरत हे ‘परमेसर का वाते अलग किदो तको तोफो।’ 12 अस्यान केन थाँ वींने आपणाँ बई-बापू की सेवा-चाकरी करबा ने देवो हो। 13 ईं तरियाऊँ थाँ आपणाँ बणाया तका रीति-रिवाजाऊँ परमेसर का बचनाँ ने टाळ दो हो, अस्यानई थाँ नरी बाताँ करता रेवो हो।” मनक ने खराब करबावाळी चिजाँ ( मत्ती 15:10–20 ) 14 पछे ईसू भीड़ ने आपणाँ भड़े पाच्छी बलई अन क्यो, “थाँ हारई मारी बात हुणो अन हमज्यो। 15 अस्यी कुई चिजाँ कोयने हे, ज्यो बारणेऊँ मनक का मयने जान वींने ने वटाळे, पण ज्यो मुण्डाऊँ निकळबावाळा बुरा सबदइस वींने वटाळ देवे।” 16 जिंके हुणबा का वाते कान्दड़ा हे, वीं हुणे। 17 पछे जद्याँ भीड़ ने छोड़न वो घर मयने ग्यो, तो वींका चेला वींने ईं केणी का बारा में पूँछ्यो। 18 तद्याँ वणी वाँने क्यो “कई, थें भी दूजाँ के जस्यान हमजदार ने हो? कई, थाँ ने हमजो के, कस्यी भी चीज ज्यो मनक में बारणेऊँ मयने जावे, वा वींने ने वटाळे। 19 काँके वाँ चीज वींका मन में ने जावे, पेट में जावे अन पछे पेटऊँ बारणे निकळ जावे हे।” अस्यान केन वणा खाबा की हंगळी चिजाँ ने सुद बतई। 20 पछे वणा क्यो, “ज्यो कुई मुण्डाऊँ निकळे हे, वोईस वींने वटाळ देवे हे। 21 काँके मनक का मन का मयनेऊँ खराब बच्यार, कुकरम, चोरी, हत्या, 22 लोब-लाळच, हरेक तरे की दुस्टता, छळ-कपट, नागोपणो, रिस्याँ, नन्दयाँ, मेपणो अन बेण्डापणो बारणे आवे। 23 ईं हंगळी खराब बाताँ मयनेऊँ बारणे आन मनकाँ ने वटाळ देवे।” लुगई को विस्वास ( मत्ती 15:21–28 ) 24 पछे ईसू वाँ जगाँ छोड़ दिदी अन सूर सेर के अड़े-भड़े का परदेस में निकळग्यो। वटे वो एक घर में ग्यो अन वो ने छातो हो के, किंने भी वींके आबा को पतो चाले, पण वो खुद ने हपा ने सक्यो। 25 जद्याँ एक लुगई, जिंकी छोरी में हुगली आत्मा धस्यी तकी ही, वा ईसू का बारा में हुणन, जट वींका नके अई अन वींका पगाँ पड़गी। 26 वा लुगई यहूदी ने ही, अन सिरिया देस के फिनीकी में पेदा वीं ही। वणी आपणी छोरीऊँ हुगली आत्माने बारणे निकाळबा की परातना किदी। 27 ईसू वींने क्यो, “पेल्याँ छोरा-छोरी ने धापबा दे। काँके छोरा-छोरी की रोट्याँ गण्डकड़ा का मुण्डागे फेंक देणी हव बात कोयने।” 28 लुगई वींने जबाव दिदो, “हो परबू जी, गण्डकड़ा भी तो छोरा-छोरी का पड़या तका खाणा का टुका खा लेवे हे।” 29 पछे ईसू वींने क्यो, “थाँरा ईं जवाब के मस, थूँ आपणाँ घरे परी जा, हुगली आत्मा थारी छोरी ने छोड़न बारणे निकळगी हे।” 30 तो वा घरे परीगी अन आपणी बेटी ने माचा पे हुती तकी देकी। हुगली आत्मा वींऊँ बारणे निकळगी ही। ईसू गूँगा-बेरा मनक ने हव किदो 31 पछे ईसू सूर देस का इलाकाऊँ निकळन सिदोन वेन, दिकापुलिस ईंको मतलब दस नगरा का गेलाऊँ वेन गलील समन्द का भड़े जा पूग्या। 32 वटे थोड़ागणा मनक ईसू का नके एक जणा ने लाया, ज्यो गूँगा अन बेरो हो। तो वणा ईसुऊँ परातना किदी के, वो वींपे आपणो हात मेले। 33 ईसू वींने भीड़ऊँ एक आड़ी लेग्या अन आपणी आँगळी वींका कान्दड़ा में नाकी अन पछे वणा थूँक्यो अन वीं मनक की जीब के हात अड़ायो। 34 पछे हरग आड़ी देकन, लाम्बो हाँ लेन क्यो, “इप्फाता”, ईंको मतलब हे “खुल जा।” 35 अन तरत वींका कान्दड़ा खुलग्या अन जीब की गाँठ खुलगी अन वो बोलबा लागग्यो। 36 पछे ईसू लोगाँ ने आदेस दिदो के, यो किंने भी बताज्यो मती, पण वणा मनकाँ ने जतरा ढाबया, वणा वतरोई वणी बात को हेलो परच्यार कर दिदो। 37 अन जणा लोगाँ यो हुण्यो, तो वीं हंगळा घणा अचम्बा में आन केबा लाग्या, “ईसू ज्यो भी करे, हंगळोई हव करे। अटा तईं, वो बेरा ने हुणबा की अन गूँगा ने बोलबा की सगती देवे हे।” |
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