याकूब 1 - नुवो नेम (मेवड़ी नया नियम)नमस्कार 1 मूँ परमेसर अन परबू ईसू मसी को दास याकूब, इजराएल का बाराई गोताँ का विस्वास्याँ ने नमस्कार केवूँ हूँ, जीं पुरी दनियाँ वकरिया तका हे। विस्वास अन अकल 2 हो मारा भायाँ-बेना, जद्याँ थाँ तरे-तरे की बाताँऊँ परक्या जावो, तो राजी रेज्यो, 3 काँके थाँ अस्यान जाणो हो के, जद्याँ परक्यो जावे हे, तो थाँको विस्वास पाको वेवे हे अन थाँने सेण करबा की तागत मले हे। 4 पण थाँ थाँका मयने धीरज ने आपणो काम पूरो करबा दो, जणीऊँ थाँ पूरा अन पाका वे जावो, अन थाँकामें कणी बात की कमी ने रेवे। 5 पण जद्याँ थाँकामें किंने भी अकल की कमी वेवे तो, वो परमेसरऊँ मांगे, ज्यो बना तापड़्या खुला मनऊँ देवे हे, अन थाँने अकल दिदी जाई। 6 पण जद्याँ थाँ विस्वासऊँ मांगो, तो सक मती करज्यो, काँके सक करबावाळो समन्द की लेराँ के जस्यान वेवे हे, वीं बेवे अन उछळे हे। 7 अस्यान का मनक ने ओ ने हमजणो छावे के, वींने परबूऊँ कई मल जाई। 8 वो मनक दो मन वाळो हे अन आपणाँ हाराई काम में अस्थिर हे। गरीब अन अमीर 9 जी गरीब भई हे वीं मेपणा करे, काँके परमेसर वाँने ऊसे उटाया हे। 10 अन अमीर भई भी मेपणा करे, काँके परमेसर वाँने नरम बणाया हे। काँके वाँने चारा का जस्यान एक दन बळन नास वेणो हे। 11 काँके सुरज को तावड़ा चारा ने बाल देवे हे। जणीऊँ वाँका फुल पता जड़ जावे हे अन वो बड़या ने दिके। अस्यान ईं अमीर मनक भी आपणाँ दोड़भाग का जीवन में एक दन नास वे जावे हे। परमेसर परक ने करे हे 12 वो मनक धन्न हे, ज्यो परक्यो जाबा की टेम में अटल रेवे हे, काँके वो परकबा का केड़े वो खरो मनक बणन, वो जीवन को मुकट पाई, जिंने परमेसर आपणाँ परेम करबावाळा ने देबा का वाते राक वादो कर मेल्यो हे। 13 जिंने परक्यो जावे हे वींने अस्यान ने केणो छावे के, “परमेसर वींने परक्यो हे।” काँके ने तो बुरी बाताँऊँ परमेसर खुद परक्या जावे हे अन ने वो किंने परके हे। 14 अन ज्यो भी परक्यो जावे हे वो खेचान बुरी मरजी में पड़ जाँने अन वींमें फसन परक्यो जावे हे। 15 अन वाँ बुरी मरजी वींके मयने बड़न पाप करावे हे, जणीऊँ वो पाप मोत ने जनम देवे हे। 16 ईं वाते हो मारा लाड़ला भायाँ-बेना, थाँ धोको मती खावो। 17 काँके हाराई दान वरदान अन हव ईनाम उपरेऊँईस मले हे अन ईं उजिता का परमेसरइस देवे हे जणी हरग ने बणाया हे, ज्यो कदी बदल कोयने, अन वींमें बदलती दसा का वजेऊँ आबावाळी काळी छाया भी कोयने हे। 18 वणी आपणी मरजीऊँ हाँच का बचनऊँ पेदा किदा हे जणीऊँ आपाँ वींकी बणई तकी दनियाँ में पेला फळ वेवा। हुणन वींपे चालणो 19 हो मारा लाड़ला भायाँ, अणा बाताँ पे ध्यान लगावो के, थाँ हाराई हुणबा का वाते त्यार रेवो। बोलबा का वाते आगत मती करज्यो अन गुस्सो करबा का वाते आगता मती वेज्यो। 20 काँके मनकाँ को गुस्सो करणो परमेसर की धारमिकता कोयने लावे हे। 21 ईं वाते हाराई असुद कामाँऊँ अन च्यारूँमेर की बुरईऊँ छेटी रेज्यो। पण धिज्यो राकबावाळा वेन परमेसर का बचन जीं थाँका मन में हे वाँने मानज्यो, ताँके वीं थाँकी आत्मा ने छुटकारो दे सके। 22 बचन ने खाली हूणबावाळा ईंस ने पण वींपे चालबावाळा भी बणो। जद्याँ थाँ खाली हुणबा वाळाईस हो, तो थाँ खुद ने धोको देरिया हो। 23 काँके जद्याँ कुई बचन हुणे हे, पण वींपे चाले कोयने, तो वो मनक वस्यान को हे, ज्यो आपणाँ मुण्डा ने हव तरियाऊँ काँस में देक हे। 24 अन वो हव तरियाऊँ देक्याँ केड़े वटेऊँ परो जावे हे अन वो वेगोई भुल जावे हे के, वो कस्यान को दिके हे। 25 पण ज्यो आजादी देबावाळी परमेसर की हिक पे ध्यान लगावे अन चाले हे, वो आपणाँ काम में आसीस पाई, काँके ज्यो वो हुणे हे वींने भूले कोयने अन जस्यान वो हुणे हे वस्यानीस वो करे हे। 26 जद्याँ कुई खुद ने भगत हमजे हे अन आपणी जीब ने काबू में ने राके हे तो वो खुद ने धोको देवे हे अन वींकी भगती कई काम की ने हे। 27 पण परमेसर का हामे खरी अन पुवितर भगती तो आ हे के, अनात अन विदवा के वाँके दुक सक में देक-रेक करे अन खुद पे दनियादारी को कळंक ने लागबा देवे। |
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