ज़बूर 45 - किताब-ए मुक़द्दसबादशाह की शादी 1 क़ोरह की औलाद का ज़बूर। हिकमत और मुहब्बत का गीत। तर्ज़ : सोसन के फूल। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए। मेरे दिल से ख़ूबसूरत गीत छलक रहा है, मैं उसे बादशाह को पेश करूँगा। मेरी ज़बान माहिर कातिब के क़लम की मानिंद हो! 2 तू आदमियों में सबसे ख़ूबसूरत है! तेरे होंट शफ़क़त से मसह किए हुए हैं, इसलिए अल्लाह ने तुझे अबदी बरकत दी है। 3 ऐ सूरमे, अपनी तलवार से कमरबस्ता हो, अपनी शानो-शौकत से मुलब्बस हो जा! 4 ग़लबा और कामयाबी हासिल कर। सच्चाई, इंकिसारी और रास्ती की ख़ातिर लड़ने के लिए निकल आ। तेरा दहना हाथ तुझे हैरतअंगेज़ काम दिखाए। 5 तेरे तेज़ तीर बादशाह के दुश्मनों के दिलों को छेद डालें। क़ौमें तेरे पाँवों में गिर जाएँ। 6 ऐ अल्लाह, तेरा तख़्त अज़ल से अबद तक क़ायमो-दायम रहेगा, और इनसाफ़ का शाही असा तेरी बादशाही पर हुकूमत करेगा। 7 तूने रास्तबाज़ी से मुहब्बत और बेदीनी से नफ़रत की, इसलिए अल्लाह तेरे ख़ुदा ने तुझे ख़ुशी के तेल से मसह करके तुझे तेरे साथियों से कहीं ज़्यादा सरफ़राज़ कर दिया। 8 मुर, ऊद और अमलतास की बेशक़ीमत ख़ुशबू तेरे तमाम कपड़ों से फैलती है। हाथीदाँत के महलों में तारदार मौसीक़ी तेरा दिल बहलाती है। 9 बादशाहों की बेटियाँ तेरे ज़ेवरात से सजी फिरती हैं। मलिका ओफ़ीर का सोना पहने हुए तेरे दहने हाथ खड़ी है। 10 ऐ बेटी, सुन मेरी बात! ग़ौर कर और कान लगा। अपनी क़ौम और अपने बाप का घर भूल जा। 11 बादशाह तेरे हुस्न का आरज़ूमंद है, क्योंकि वह तेरा आक़ा है। चुनाँचे झुककर उसका एहतराम कर। 12 सूर की बेटी तोह्फ़ा लेकर आएगी, क़ौम के अमीर तेरी नज़रे-करम हासिल करने की कोशिश करेंगे। 13 बादशाह की बेटी कितनी शानदार चीज़ों से आरास्ता है। उसका लिबास सोने के धागों से बुना हुआ है। 14 उसे नफ़ीस रंगदार कपड़े पहने बादशाह के पास लाया जाता है। जो कुँवारी सहेलियाँ उसके पीछे चलती हैं उन्हें भी तेरे सामने लाया जाता है। 15 लोग शादमान होकर और ख़ुशी मनाते हुए उन्हें वहाँ पहुँचाते हैं, और वह शाही महल में दाख़िल होती हैं। 16 ऐ बादशाह, तेरे बेटे तेरे बापदादा की जगह खड़े हो जाएंगे, और तू उन्हें रईस बनाकर पूरी दुनिया में ज़िम्मादारियाँ देगा। 17 पुश्त-दर-पुश्त मैं तेरे नाम की तमजीद करूँगा, इसलिए क़ौमें हमेशा तक तेरी सताइश करेंगी। |
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