आमूस 1 - किताब-ए मुक़द्दसइसराईल के पड़ोसियों की अदालत 1 ज़ैल में आमूस के पैग़ामात क़लमबंद हैं। आमूस तक़ुअ शहर का गल्लाबान था। ज़लज़ले से दो साल पहले उसने इसराईल के बारे में रोया में यह कुछ देखा। उस वक़्त उज़्ज़ियाह यहूदाह का और यरुबियाम बिन युआस इसराईल का बादशाह था। 2 आमूस बोला, “रब कोहे-सिय्यून पर से दहाड़ता है, उस की गरजती आवाज़ यरूशलम से सुनाई देती है। तब गल्लाबानों की चरागाहें सूख जाती हैं और करमिल की चोटी पर जंगल मुरझा जाता है।” 3 रब फ़रमाता है, “दमिश्क़ के बाशिंदों ने बार बार गुनाह किया है, इसलिए मैं उन्हें सज़ा दिए बग़ैर नहीं छोड़ूँगा। क्योंकि उन्होंने जिलियाद को गाहने के आहनी औज़ार से ख़ूब कूटकर गाह लिया है। 4 चुनाँचे मैं हज़ाएल के घराने पर आग नाज़िल करूँगा, और बिन-हदद के महल नज़रे-आतिश हो जाएंगे। 5 मैं दमिश्क़ के कुंडे को तोड़कर बिक़अत-आवन और बैत-अदन के हुक्मरानों को मौत के घाट उतारूँगा। अराम की क़ौम जिलावतन होकर क़ीर में जा बसेगी।” यह रब का फ़रमान है। 6 रब फ़रमाता है, “ग़ज़्ज़ा के बाशिंदों ने बार बार गुनाह किया है, इसलिए मैं उन्हें सज़ा दिए बग़ैर नहीं छोड़ूँगा। क्योंकि उन्होंने पूरी आबादियों को जिलावतन करके अदोम के हवाले कर दिया है। 7 चुनाँचे मैं ग़ज़्ज़ा की फ़सील पर आग नाज़िल करूँगा, और उसके महल नज़रे-आतिश हो जाएंगे। 8 अशदूद और अस्क़लून के हुक्मरानों को मैं मार डालूँगा, अक़रून पर भी हमला करूँगा। तब बचे-खुचे फ़िलिस्ती भी हलाक हो जाएंगे।” यह रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है। 9 रब फ़रमाता है, “सूर के बाशिंदों ने बार बार गुनाह किया है, इसलिए मैं उन्हें सज़ा दिए बग़ैर नहीं छोड़ूँगा। क्योंकि उन्होंने बरादराना अहद का लिहाज़ न किया बल्कि पूरी आबादियों को जिलावतन करके अदोम के हवाले कर दिया। 10 चुनाँचे मैं सूर की फ़सील पर आग नाज़िल करूँगा, और उसके महल नज़रे-आतिश हो जाएंगे।” 11 रब फ़रमाता है, “अदोम के बाशिंदों ने बार बार गुनाह किया है, इसलिए मैं उन्हें सज़ा दिए बग़ैर नहीं छोड़ूँगा। क्योंकि उन्होंने अपने इसराईली भाइयों को तलवार से मार मारकर उनका ताक़्क़ुब किया और सख़्ती से उन पर रहम करने से इनकार किया। उनका क़हर भड़कता रहा, उनका तैश कभी ठंडा न हुआ। 12 चुनाँचे मैं तेमान पर आग नाज़िल करूँगा, और बुसरा के महल नज़रे-आतिश हो जाएंगे।” 13 रब फ़रमाता है, “अम्मोन के बाशिंदों ने बार बार गुनाह किया है, इसलिए मैं उन्हें सज़ा दिए बग़ैर नहीं छोड़ूँगा। क्योंकि अपनी सरहद्दों को बढ़ाने के लिए उन्होंने जिलियाद की हामिला औरतों के पेट चीर डाले। 14 चुनाँचे मैं रब्बा की फ़सील को आग लगा दूँगा, और उसके महल नज़रे-आतिश हो जाएंगे। जंग के उस दिन हर तरफ़ फ़ौजियों के नारे बुलंद हो जाएंगे, तूफ़ान के उस दिन उन पर सख़्त आँधी टूट पड़ेगी। 15 उनका बादशाह अपने अफ़सरों समेत क़ैदी बनकर जिलावतन हो जाएगा।” यह रब का फ़रमान है। |
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