प्रकाशित वाक्य 2 - चुराही नवाँ नियमइफिसुस शहरा केरा विश्वासी मैहणुवंनी संदेश 1 तेनी मूं सिंउ बौलु, कि इफिसुस शहरेरा विश्वासी मैहणुवां केरै स्वर्गदूतानि ऐ चिट्ठी लिख, कि जेनि मैहणु अपड़ै हत्था मझ सत्तो तारै ल्यौरै अत्तै जां जै सुन्नैरै सत्तो दीवटा मझाटै घुमता; सै आंउ-वै आ जां आंउ ताउं सिंउ जै बोलता, तैस शुण; 2 तेनी मूं सिंउ बौलु, कि मूं पता, कि तु कितु काता। तु पूरै मंन सिंउ मिंडा कंम काता जां जेख्णी ताउं मैहणु मूं पन विश्वास कांनेरी वजहि ला परेशान कातै, ता तांबि तु सहन काता रींहथा; जां मूं पता कि तु बुरा मैहणुवां स्वीकार ना काता। तीं सैक्यै मैहणु बि परखै, जै झूठा दावा करींथ्यै कि सैक्यै खास चैलै अत्तै जां तीं सैक्यै झूठै साबित करि दित्तै। 3 जां तीं सब्र सिंउ सारै कष्ट सहन कियै, जां मूं पन मजबूत विश्वास कांना जां सेवकाय कांनी कदि ना छडि। 4 पण मूं ताउ सिंउ अक शिकायत आ; कि अबै तु मूं सिंउ तेतिया प्रेम ना काता, जेतिया प्रेम तु मूं सिंउ पेहिलै करींथिया, जैस टैंमा तीं पेहिली बारी मूं पन विश्वास केईथ्या। 5 ऐठणीरै तेईनी याद कर कि शुरूवाति मझ मूं सेईतै क्यौता प्रेम करींथिया, जां अबै तु मूं सिंउ तेनी तरीकै प्रेम ना काता। ऐस गलैरा पश्चाताप कर जां मूं सिंउ तेनिऐ तरीकै प्रेम कांना शुरू कर जिहीं तु शुरूवाति मझ करींथिया। अगर तु मंन ना फैरेला ता मूं ताउ किनि ऐईंणु जां जेठि तिंडा दीपदान रखौरा सैक्या तेठां किना घैरी करि ताउनि सजा दींणी। 6 पण आंउ ताउ किना खुश आ, केईनी कि तु मूं-ऐ सैयि तैन्हांं मैहणुवां केरै बुरै कंमा सिंउ नफरत काता; जां नीकुलइयों जै अक धार्मिक समूँह आ; तैन्हांं केरै शिख्राउरै बुरै कंमा सिंउ नफरत काता, जिहीं आंउ काता। 7 जै बि मिंडी गल शुणता, सै ध्यान दी करि शुणियां जां समझिया; परमेश्वरैरा आत्मा विश्वासी मैहणुवांं सिंउ बोलता, कि जै मैहणु जीत हासिल करिया तैस हर मैहणुनी मूं जीवन दींणै बाउ बुटा किना फल खांणेरी इजाजत दींणी, जै परमेश्वरेरै स्वर्गीय बगीचै मझ आ। स्मुरना शहरेरा विश्वासी मैहणुवंनी संदेश 8 तेनी मूं सिंउ बौलु, कि स्मुरना शहरेरा विश्वासी मैहणुवांं केरै स्वर्गदूतनी ऐ चिट्ठी लिख, आंउ-वै पेहिला, आंउ ऐ लाष्ट आ, आंउ सैहै आ, जै अक बारी मरि गेईथ्या; पण अबै आंउ जींता जां मूं अबै हमेशा जींतै रींहणु; आंउ जै बोलता, तैस शुणा, 9 आंउ तुवाड़ै दुखा जां गरीबी अच्छी तराहि सिंउ जांणता; पण तांबि तुवे आत्मिक रूप सिंउ अमीर अत्तै। जै मैहणु अपड़ै आपानि यहूदी बोलतै, आंउ तैन्हांं अविश्वासी मैहणुवां केरै बारै मझ बि जांणता, जै झूठ बोलतै कि सैक्यै परमेश्वरेरै चुणोरै मैहणु अत्तै। सैक्यै तुवाड़ै बारै मझ निंदा कातै; पण असलियत मझ सैक्यै मैहणु शैताना पिचोरै चलोरै अत्तै। 10 तैन्हांं दुखा हैरी मेईं डरा, जै तुहांनि मेईंणै। शैताना मैहणुवां किना तुहां मझियें किछ पकड़ा करि जैल्ही मझ केईद करा दिवांणै, ताकि सैक्या तुहां परखी सकिया। तुहां दशा धियाड़िया तेईनी बड़ी मुशकलि सहन कांनी; पण तांबि तुवे मूं पन विश्वास कांना मेईं छडतै, बेशक तुहां सै मारी छडिया, केईनी कि मूं तुहांनि ईनामी मझ अनन्त जीवन दींणा। 11 जै बि मिंडी गल शुणता, सै ध्यान दी करि शुणियां जां समझिया; परमेश्वरैरा आत्मा विश्वासी मैहणुवांं सिंउ बोलता, कि जै मैहणु जीत हासिल करिया, तैस हर मैहणुनी मरना किना बाद नरकेरी सजा ना मेईंणी, जै दुईं मोउत आ। पिरगमुन शहरेरा विश्वासी मैहणुवंनी संदेश 12 तेनी मूं सिंउ बौलु, कि पिरगमुन शहरेरा विश्वासी मैहणुवांं केरै स्वर्गदूतानि ऐ चिट्ठी लिख, “आंउ-वै आ, जैस किनि तैज दुपासी तलवार आ।” आंउ तुहां सिंउ ऐ बोलता, 13 मूं पता, कि जैस शहरा मझ तुवे बेशतै, सै शैतानेरै वशा मझ आ; पण तांबि तुहैं मूं पन अपड़ा विश्वास मजबूत बंणा रखौरा, तुवे मिंडी शिक्षाय मनतै रींहथै, बेशक जेख्णी बड़ै पेहिलै तैन्हैं अन्तिपास मारी छडथिया। अन्तिपास मिंडै वचन प्रचार कांनेरै तेईनी विश्वासयोग्य थ्या, ऐठणीरै तेईनी सैक्या तिंडै शहरा मझ मारी छडा, जै शहर शैतानेरै वशा मझ थ्या। 14 पण तांबि मूं तुहां सिंउ किछ शिकायति अत्ति, केईनी कि तुवे तैन्हांं मैहणुवां केरा विरोध ना कातै, जै झूठी शिक्षा दींतै; जिहीं चारै बिलाम भविष्यवक्तै पेहिलै पुरांणै टैंमा मझ दित्थी। बिलाम भविष्यवक्तै राजा बालक शिख्रा कि इस्राएलेरा मैहणुवां किना पाप करांणेरै तेईनी कितु कांनु चेहिंथु। तेनी तैन्हांंनि मूर्तिया पन चाढ़ोरी रोटी खांणी जां व्यभिचार कांना शिख्रा। 15 तिहियें चारै तुहां मझ किछ मैहणु अत्तै, जै नीकुलइयों मैहणुवां केरै बुरै कंमा केरी गलत शिक्षाय मनतै। 16 ऐठणीरै तेईनी पापा किना पश्चाताप करा, अगर तुहैं बुरै कंम कांने बन्द ना क्यै, ता मूं झट ऐईंणु आ जां तैन्हांं मैहणुवां सिंउ जै बुरै कंम कातै मूं तलवारी ला भिड़ियूंणु। तलवार मिंडु मुँहा किना निकूंहणार वचन आ। 17 जै बि मिंडी गल शुणता, सै ध्यान दी करि शुणियां जां समझिया; परमेश्वरैरा आत्मा विश्वासी मैहणुवां सिंउ बोलता, कि सैक्यै मैहणु जै जीत हासिल कातै, मूं तेन्हांनि तैस मन्नै मझां किछ दींणु, जै गुप्त आ। मूं तैन्हांं सभनियांं मैहणुवंनी अक हच्छा घौड़ बि दींणा, जैत पन अक नऊं नाँ लिखोरू भूंणु। जैस मैहणुनी सै घौड़ मेईंणा, तैस छडि करि होरै कोस बि तैस नाँईयेरा पता ना लगणा। थुआतीरा शहरेरा विश्वासी मैहणुवंनी संदेश 18 तेनी मूं सिंउ बौलु, कि थुआतीरा शहरेरा विश्वासी मैहणुवां केरै स्वर्गदूतानि ऐ चिट्ठी लिख; कि आंउ परमेश्वरा पुत्र ताउ सिंउ ऐ गलै बोलता जां तेसेरै टीरै आगिरी लाउवी सैयि चमकतै जां जिहीं आगिरै सैका पित्तअ चमकती, तिहिंयें तेसेरै पैयिड़ बि पित्तआ सैयि चमकतै अत्तै; तेनी मूं सिंउ बौलु, कि 19 आंउ तिंडा कंम जै तु धीर धरि करि काता जां जै तुवे योकिया सिंउ प्रेम कातै जां तुवाड़ा जै मूं पन मजबूत विश्वास आ; तैस अच्छी तरह सिंउ जांणता। आंउ जांणता कि तुहैं किहीं योकिया केरी मजत की जां तुवाड़ी सहन कांनेरी ताकत बि जांणता। मूं पता आ, कि तुवे अबै ऐन्हां अच्छा कंमा, तैस टैंमा किना बि जादा कातै अत्तै, जेख्णी पेहिली बारी तुहैं मूं पन विश्वास केईथ्या। 20 पण तांबि मूं तुहां सिंउ किछ शिकायति अत्ति, कि तुवे तैस जनानिरी झूठी शिक्षा फैलणा दींतै। सैकेई बोलती कि सै अक भविष्यवक्तिन आ; पण सैकेई अपड़ि गलत शिक्षाईया ला, सै मिंडा विश्वासी मैहणुवां व्यभिचार कांना जां मूर्तिया पन चाढ़ोरी रोटी खांणेरै तेईनी भटकांति। 21 मीं तेसनी तेसैरा पापा किना पश्चाताप कांनेरा मौका दित्ता; पण सैकेयि तैन्हांं बुरा कंमा छडणा किना नमां काति। 22 ऐठणीरै तेईनी मूं सै रोगी करि दींणी जां जै तैस सिंउ व्यभिचार कातै, ता मूं तेन्हांनि त्यो-तेईनी भयांकर कष्ट दींणै, ज्यो-तेईनी सैक्यै, जै तैस सिंउ बुरा कंम कातै, तेत किना मंन फैरी करि पश्चाताप कांनानि तियार ना भौ गांहथै। 23 मूं सैक्यै मैहणु मारी छडणै, जै तेसैरी शिक्षाय मनतै जां सभनियांं विश्वासी मैहणुवां पता लगी गांहणा, कि आंउ-वै आ, जै सभनियां केरा मंना केरै विचार जांणता, कि मैहणु कितु ईच्छा रखतै। मूं तुहां मझियां हर अक मैहणुनी तेसेरै पापा केरै अनुसार सजा दींणी। 24 पण थुआतीरा शहरा मझ तुवे बाकि मैहणु तैस झूठी शिक्षाय पिचोरै ना चलै। तुवे तैस गलत शिक्षाय शिख्रना ना चांहथै, जैसनि शैतानैरा ज्ञान बोलतै। आंउ तुहां सिंउ बोलता, कि मूं तुहांनि कोई होरी आज्ञा ना दींणी, पण ऐठणीरै बदलै ज्यो-तेईनी आंउ ना ऐईंता, त्यो-तेईनी मूं पनि मजबूत भौ करि विश्वास कातै रिय्हा। 25 पण हाँ! जै मसीहरी शिक्षा तुहां किनि आ, तैस मूं ऐईंतै तेईनी मनतै रिय्हा। 26 सैक्यै मैहणु जै जीत हासिल कातै, जां जै अंत टैंमा तेईनी मिंडी आज्ञायरा पालन कातै रींहथै, मूं तेन्हांनि जाति-जाति पन राज कांनेरा अधिकार दींणा। 27 जेतिया राज कांनेरा अधिकार मिंडै पिता परमेश्वरै मूंनी दितौरा, तेतिया मूं तेन्हांनि बि दींणा। तैन्हांं केरा राज्य लौहै सैयि मजबूत भूंणा, जै भगता ना जां तैन्हांं केरै दुशमण मिट्टिरा भांडा सैयि भूंणै, जै भगि करि चकनाचूर भौ गांहथै। मूंनी बि ऐ अधिकार मिंडै पिता परमेश्वरै दितौरा। 28 मूं तेन्हांनि अपड़ि जीत लुहानेरै तेईनी भियगपैहरैरा तारा दींणा। 29 जै बि मिंडी गल शुणता, सै ध्यान दी करि शुणियां जां समझिया; परमेश्वरैरा पवित्र आत्मा विश्वासी मैहणुवां सिंउ क्या बोलता। |
Churahi New Testament (चुराही नवाँ नियम), 2020 by The Love Fellowship is licensed under a Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License.
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