दरसनन के बातँय 2 - Bagheli Bibleइफिसुस सहर के मसीही मन्डली काहीं मसीह के सँदेस 1 इफिसुस के मसीही मन्डली के दूत काहीं इआ लिखा, कि “जउन सातँव तरइया अपने दहिने हाँथ माहीं लए हें, अउर सोने के सातँव दीबटन के बीच माहीं चलत फिरत हें, ऊँ इआ कहत हें, कि 2 हम तोंहरे काम, अउर मेहनत, अउर तोंहरे धीरज काहीं जानित हएन; अउर इहव घलाय, कि तूँ बुरे मनइन काहीं बरदास नहीं कइ सकते आह्या, अउर जउन अपने-आप काहीं यीसु मसीह के खास चेला कहत हें, अउर आहीं न, उनहीं पंचन काहीं घलाय तूँ जाँच परखिके लबरा पाया हय। 3 अउर तूँ धीरज धरते हया, अउर हमरे नाम के खातिर दुख उठाबत-उठाबत थके नहिं आह्या। 4 पय हमहीं तोंहरे बिरोध माहीं इआ कहँइ क हय, कि तूँ आपन पहिले कि नाईं प्रेम करब छोंड़ दिहा हय। 5 तूँ हमसे पहिले केतना प्रेम करत रहे हया, अउर अब केतना प्रेम करते हया, ओही सुध कइके, पस्चाताप करा, अउर पहिले कि नाईं काम करा; अउर अगर तूँ पस्चाताप न करिहा, त हम तोंहरे लघे आइके, तोंहरे दीबट काहीं उआ जघा से हटाय देब। 6 पय हाँ, तोंहरे माहीं इआ बात त हय, कि तूँ गलत सिच्छा देंइ बाले नीकुलाई दल के कामन से नफरत करते हया, जिनसे हमहूँ नफरत करित हएन। 7 जेखर सुनँय के मन होय, उआ सुन लेय, कि पबित्र आत्मा मसीही मन्डलिन से का कहत हय, जउन बिजय पाई, ओही हम उआ जीबन के बिरबा म से, जउन परमातिमा के स्वरगराज माहीं हय, फर खाँइ काहीं देब।” इसमुरना सहर के मसीही मन्डली काहीं मसीह के सँदेस 8 इसमुरना के मसीही मन्डली के दूत काहीं इआ लिखा, कि “जउन पहिल अउर अन्तिम आहीं; जउन मरिगें तय अउर अब जिन्दा होइगे हँय, ऊँ इआ कहत हें, कि 9 हम तोंहरे कस्ट अउर गरीबी काहीं जानित हएन; (पय तूँ धनी हया) अउर जउन मनई अपने-आप काहीं यहूदी कहत हें, अउर आहीं न, बलकिन सइतान के सभा आहीं, उनखे बुराई काहीं घलाय जानित हएन। 10 जउन कस्ट तोंहईं उठामँइ परी उनसे डेरा न। काहेकि देखा, सइतान तोंहरे पंचन म से कइअक जनेन काहीं जेल माहीं डारँइ बाला हय, जउने तूँ पंचे जाँचे-परखे जा; अउर तोंहईं पंचन काहीं दस दिन तक कस्ट उठामँइ परी, प्रान देंइ तक बिसुआसी रहा; त हम तोंहईं जीबन के मुकुट देब। 11 जेखर सुनँय के मन होय, उआ सुन लेय, कि पबित्र आत्मा मसीही मन्डलिन से का कहत हय, जउन बिजय पाई, ओही दूसर मउत से हानि न पहुँची।” पिरगमुन सहर के मसीही मन्डली काहीं मसीह के सँदेस 12 पिरगमुन के मसीही मन्डली के दूत काहीं इआ लिखा, कि “जिनखे लघे दुइ धार बाली निकही चोंख तलबार ही, ऊँ इआ कहत हें, कि 13 हम इआ त जानित हएन, कि तूँ उहाँ रहते हया, जहाँ सइतान के सिंहासन हय; अउर तूँ हमरे नाम माहीं बने रहते हया; अउर हमरे ऊपर बिसुआस करँइ से, उन दिनन माहीं पीछे नहीं हट्या, जउने माहीं हमार बिसुआस के काबिल गबाह अन्तिपास, तोंहरे पंचन के बीच माहीं, उआ जघा माहीं मार डारा ग, जहाँ सइतान रहत हय। 14 पय हमहीं तोंहरे बिरोध माहीं कुछ बातँय कहँइ क हय, काहेकि तोंहरे इहाँ कुछ अइसन हें, जउन बिलाम के सिच्छा काहीं मानत हें, जउन बालाक राजा काहीं, इजराइलिअन के आँगे ठोकर के कारन रक्खँय सिखाइस, कि ऊँ पंचे मूरतिन के ऊपर चढ़ाई चीजन काहीं खाँय, अउर ब्यभिचार करँय। 15 उहयमेर तोंहरे इहाँ कुछ त अइसन हें, जउन गलत सिच्छा देंइ बाले नीकुलाई दल के सिच्छा काहीं मानत हें। 16 एसे मन फिराबा, नहीं त हम तोंहरे लघे हरबिन आइके, अपने मुँहे के तलबार से उनखे साथ लड़ब। 17 अउर जेखर सुनँय के मन होय, उआ सुन लेय, कि पबित्र आत्मा मसीही मन्डलिन से का कहत हय; जे बिजय पाई, ओही हम, न देखाँइ बाले मन्ना म से देब; अउर ओही एकठे उजर पथरा घलाय देब; अउर उआ पथरा माहीं एकठे नाम घलाय लिखा होई, जेही ओही पामँइ बाले के अलाबा, अउर कोऊ न जानी।” थुआतीरा सहर के मसीही मन्डली काहीं मसीह के सँदेस 18 थुआतीरा के मसीही मन्डली के दूत काहीं इआ लिखा, “परमातिमा के लड़िका जिनखर आँखी आगी के लपट कि नाईं हईं, अउर जिनखर गोड़ उत्तम पीतल कि नाईं हें, ऊँ इआ कहत हें, कि 19 हम तोंहरे कामन, अउर प्रेम, अउर बिसुआस, अउर सेबा, अउर धीरज काहीं जानित हएन, अउर इहव जानित हएन, कि तोंहार पिछले काम, पहिल कामन से बढ़िके हें। 20 पय हमहीं तोंहरे बिरोध माहीं इआ कहँइ क हय, कि तूँ उआ मेहेरिआ इजेबेल काहीं रहँइ देते हया, जउन अपने-आप काहीं परमातिमा के सँदेस बतामँइ बाली कहत ही, उआ अपने सिच्छा से, हमरे सेबकन काहीं ब्यभिचार करँय, अउर मूरतिन के आँगे चढ़ाई चीजन काहीं खाँय के खातिर बहकाबत ही। 21 हम ओही मन फिरामँय के खातिर मोका दिहेन, पय उआ अपने ब्यभिचार से मन नहीं फिरामँय चाहय। 22 देखा, हम ओही घोर कस्ट माहीं डारित हएन, अउर जे ओखे साथ ब्यभिचार करत हें, अगर ऊँ पंचे ओखी कि नाईं कामन से अपने मन काहीं न बदलिहँय, त हम उनहूँ काहीं घोर कस्ट माहीं डारब। 23 हम ओखे लड़िका बिटिअन काहीं मारि डारब; अउर तब सगली मसीही मन्डली जान लेइहँय, कि हिरदँय अउर मन काहीं जाँचय-परखँय बाले हमहिन आहेन, अउर हम तोंहरे पंचन म से हरेक काहीं, उनखे कामन के मुताबिक बदला देब। 24 पय तूँ पंचे थुआतीरा के बाँकी मनइन से, जेतने इआ सिच्छा काहीं नहीं मानँय, अउर ऊँ बातन काहीं जिनहीं सइतान के गहिल बातँय कहत हें, नहीं जनते आह्या, इआ कहित हएन, कि हम तोंहरे पंचन के ऊपर अउर बोझ न डारब। 25 पय हाँ, जउन तोंहरे पंचन के लघे हय, ओही हमरे आमँय तक थाम्हें रहा। 26 जे बिजय पाई, अउर हमरे कामन के मुताबिक अन्त तक करत रही, ओही हम जाति-जाति के मनइन के ऊपर अधिकार देब। 27 अउर उआ लोहे के राजदन्ड लए, उनखे ऊपर राज करी, जउनमेर कुम्हार के माटी के बरतन चकनाचूर होइ जात हें। हमहूँ घलाय अइसय अधिकार अपने पिता से पाएन हँय। 28 अउर हम ओही भिनसारे के तरइया देब। 29 जेखर सुनँय के मन होय, उआ सुन लेय, कि पबित्र आत्मा मसीही मन्डलिन से का कहत हय।” |
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