2 कुरिन्थियन 6 - Bagheli Bible1 अउर परमातिमा के काम हम पंचे मिल जुलिके करित हएन, एसे हम पंचे, तोंहसे इआ बिनती करित हएन, कि परमातिमा के जउन किरपा तोंहरे पंचन के ऊपर भे ही, ओही बेकार न जाँइ द्या। 2 काहेकि पबित्र सास्त्र माहीं लिखा हय। कि परमातिमा कहिन हीं, “हम सही समय माहीं तोंहरे बिनती काहीं सुन लिहेन हय, अउर हम मुक्ती के दिन तोंहार मदत किहेन हय।” एसे देखा, तोंहरे पंचन के खातिर इहय सही समय हय, अउर मुक्ती पामँइ के दिनव हय। 3 काहेकि हम पंचे हरेक बातन माही, इआ ध्यान रक्खित हएन, कि कोहू काहीं हमरे पंचन के ऊपर दोस लगामँइ के मोका न मिलय। जउने हमरे पंचन के सेबा माहीं कउनव कलंक न लागय। 4 बलकिन हम पंचे परमातिमा के सेबक के रूप माहीं, खुद काहीं निकहा साबित करित हएन, बड़े धीरज के साथ दुख-मुसीबत माहीं, गरीबी माहीं, संकटन माहीं, 5 मार सहँइ माहीं, जेल जाँइ माहीं, दंगन माहीं, मेहनत करँइ माहीं, जागत रहँइ माहीं, भूँखे रहँइ माहीं, 6 पबित्र रहँइ माहीं, ग्यान माहीं, धीरज धरँइ माहीं, दुसरे के ऊपर किरपा करँइ माहीं, पबित्र आत्मा माहीं, सच्चे प्रेम माहीं, 7 सत्य के बचन माहीं, परमातिमा के सक्ती माहीं; धारमिकता के अउजार माहीं जउन दहिने बाएँ हाँथ माहीं रहत हें। 8 मान-सम्मान पामँइ माहीं, अपमान सहँइ माहीं, अउर निकहा नाम पामँइ माहीं, अउर बदनामी सहँय माहीं, हरेक बातन माहीं खुद काहीं सच्चा साबित करित हएन। जबकि हम पंचे भरमामँइ बालेन कि नाईं देखइत त हएन, तऊ हम पंचे सच्चे हएन। 9 मनई हमही पंचन काहीं खास नहीं समझँय; तऊ हम पंचे मसहूर हएन; अउर हम पंचे मरँइ बाले मनइन कि नाईं हएन; तऊ जिन्दा हएन। अउर हम पंचे मार खाँइ बालेन कि नाईं समझे त जइत हएन, पय जान से मारे नहीं जई। 10 अउर हमहीं पंचन काहीं सोक करँइ बालेन कि नाईं माना जात हय, पय हम पंचे हमेसा आनन्दित रहित हएन, अउर हम पंचे कंगालन कि नाईं देखइत हएन, पय खुब मनइन काहीं आत्मिक रूप से धनी बनाय देइत हएन। अउर मनई समझत हें, कि हमरे पंचन के लघे कुछू नहिं आय, तऊ हमरे पंचन के लघे सब कुछ रहत हय। 11 हे कुरिन्थुस सहर माहीं रहँइ बाले भाई-बहिनिव, हम पंचे तोंहसे खुलिके सगली बातन काहीं बतायन हय। अउर तोंहरे खातिर अपने हिरदँय माहीं कउनव कपट नहीं रक्खेन आय। 12 अउर हमार पंचन के प्रेम तोंहरे खातिर कम नहीं भ आय। पय तूँ पंचे हमसे पंचन से प्रेम करब कम कइ दिहा हय। 13 पय तोंहईं पंचन काहीं अपने लड़िकन कि नाईं समझिके कहि रहेन हय, कि तुहूँ पंचे हमसे पंचन से दिल खोलिके प्रेम करा। हम पंचे परमातिमा के मन्दिर आहेन 14 अबिसुआसी मनइन के साथ मेल न खाँइ बाले जुआँ माहीं न जोतरा, परमातिमा के नजर माहीं निकहे काम करँइ बालेन, अउर बुरे काम करँइ बालेन के का कबहूँ मेल-जोल होइ सकत हय? इआ कि उँजिआर अउर अँधिआर के का कबहूँ मेल-जोल होइ सकत हय? 15 इहइमेर मसीह के तालमेल का सइतान के साथ होइ सकत हय? इआ कि बिसुआसी मनई के तालमेल का अबिसुआसी मनई के साथ होइ सकत हय? 16 अउर मूरतिन के साथ परमातिमा के मन्दिर के कउनव सम्बन्ध होइ सकत हय का? काहेकि हम पंचे त जिन्दा परमातिमा के मन्दिर आहेन; जइसन कि परमातिमा घलाय कहिन हीं, कि “हम उन माहीं निबास करब; अउर उनखे बीच माहीं चला फिरा करब; अउर हम उनखर परमातिमा होब, अउर ऊँ पंचे हमार निज प्रजा होइहँय।” 17 एसे परमातिमा कहत हें, कि “उनखे पंचन के बीच से निकर जा, अउर उनसे अलग रहा; अउर असुद्ध चीजन काहीं न छुआ, तबहिन हम तोंहईं पंचन काहीं सोइकार करब। 18 अउर हम तोंहार पंचन के बाप होब, अउर तूँ पंचे हमार लड़िका-बिटिया होइहा। इआ सर्बसक्तिमान परमातिमा के बचन आय।” |
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