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फ़िलिप्पियों 3:8 - उर्दू हमअस्र तरजुमा

8 बल्के मैं अपने ख़ुदावन्द अलमसीह ईसा की पहचान की अपनी बड़ी ख़ूबी समझता हूं, जिन की ख़ातिर मैंने दूसरी तमाम चीज़ों का नुक़्सान उठाया। और उन चीज़ों को कूड़ा समझता हूं, ताके अलमसीह को हासिल कर लूं

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

8 बल्कि मैंने अपने ख़ुदावन्द मसीह 'ईसा की पहचान की बड़ी ख़ूबी की वजह से सब चीज़ों का नुक़्सान उठाया और उनको कूड़ा समझता हूँ ताकि मसीह को हासिल करूँ

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किताब-ए मुक़द्दस

8 हाँ, बल्कि मैं सब कुछ इस अज़ीमतरीन बात के सबब से नुक़सान समझता हूँ कि मैं अपने ख़ुदावंद मसीह ईसा को जानता हूँ। उसी की ख़ातिर मुझे तमाम चीज़ों का नुक़सान पहुँचा है। मैं उन्हें कूड़ा ही समझता हूँ ताकि मसीह को हासिल करूँ

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फ़िलिप्पियों 3:8
53 Cross References  

लेकिन मुझ पर ये फ़ज़ल किस लिये हुआ, के मेरे ख़ुदावन्द की मां मेरे पास आई?


लेकिन अगर मैं ख़ुदा की क़ुदरत से बदरूहों को निकालता हूं तो ख़ुदा की बादशाही तुम्हारे दरमियान आ पहुंची।


उस दिन तुम जान लोगे के मैं अपने बाप में हूं, और तुम मुझ में हो, और मैं तुम में।


अगर तुम ने वाक़ई मुझे जाना होता, तो मेरे बाप को भी जानते। अब तुम उन्हें जान गये हो बल्के उन्हें देख भी चुके हो।”


वह ये सब इसलिये करेंगे के न तो उन्होंने कभी बाप को जाना और न मुझे।


अब्दी ज़िन्दगी ये है के वह आप को हक़ीक़ी सच्चा ख़ुदा जानें, और हुज़ूर ईसा अलमसीह को भी जानें जिसे आप ने भेजा है।


इसलिये जो पैग़ाम आप ने मुझे दिया, मैंने उन तक पहुंचा दिया और उन्होंने उसे क़बूल किया और वह इस हक़ीक़त से वाक़िफ़ हो गये के मैं आप की जानिब से आया हूं और उन का ईमान है के मुझे आप ही ने भेजा है।


उन्होंने मरियम से पूछा, “ऐ औरत, तुम क्यूं रो रही हो?” मरियम कहा, “मेरे ख़ुदावन्द को उठाकर ले गये हैं और पता नहीं उन्हें कहां रख दिया है।”


तोमा ने आप से कहा, “ऐ मेरे ख़ुदावन्द और ऐ मेरे ख़ुदा!”


लेकिन, मेरी जान मेरे लिये कोई क़दर-ओ-क़ीमत नहीं रखती; में तो बस ये चाहता हूं के मेरी दौड़ पूरी हो जाये और मैं ख़ुदा के फ़ज़ल की ख़ुशख़बरी सुनाने का काम जो ख़ुदावन्द ईसा ने मुझे दिया है को पूरी सदाक़त से कर लूं।


में जानता हूं के ये दुख दर्द जो हम अब सहा रहे हैं उस जलाल के मुक़ाबले में कुछ भी नहीं जो हम पर ज़ाहिर होने को है।


न बुलन्दी न पस्ती न कोई और काइनात की चीज़ें हमें ख़ुदा की उस महब्बत से जुदा न कर सकेगी जो हमारे अलमसीह ईसा में है।


क्यूंके मैंने फ़ैसला किया हुआ था के जब तक तुम्हारे दरमियान रहूंगा ख़ुदावन्द ईसा अलमसीह मस्लूब की मुनादी के सवा किसी और बात पर ज़ोर न दूंगा।


क्या वह ख़ासतौर पर यह हमारे लिये नहीं कहता? हां, यह हमारे लिये लिख्खा गया क्यूंके जोतने वाला इस उम्मीद पर जोतता है और गाहने वाला इस उम्मीद पर गाहता है के उन्हें फ़सल का कुछ हिस्सा ज़रूर मिलेगा।


चूंके इस जहान के झूटे ख़ुदा ने उन बेएतक़ादों की अक़्ल को अन्धा कर दिया है, इसलिये वह ख़ुदा की सूरत यानी अलमसीह के जलाल की ख़ुशख़बरी की रोशनी को देखने से महरूम हैं।


इसलिये के वह ख़ुदा जिस ने फ़रमाया: “तारीकी में से नूर चमके,” हमारे दिलों में चमका ताके हम पहचान सकें के जो नूर ईसा अलमसीह के चेहरा से जलवागर है वह ख़ुदा के जलाल का नूर है।


ताके वह अपने बेटे ख़ुदावन्द ईसा अलमसीह का इरफ़ान मुझे बख़्शे और मैं ग़ैरयहूदियों को उस की ख़ुशख़बरी सुनाऊं। मैंने इस वक़्त गोश्त और ख़ून से सलाह न ली।


यहां तक के हम सब के सब ख़ुदा के बेटे को पूरे तौर पर जानने और उस पर ईमान रखने में एक हो जायें, और कामिल इन्सान बन कर अलमसीह के क़द के अन्दाज़े तक पहुंच जायें।


यह ख़त पौलुस और तिमुथियुस की तरफ़ से जो ईसा अलमसीह ईसा के ख़ादिम हैं, फ़िलिप्पी शहर के सारे मसीही मुक़द्दसीन, पासबानों और ख़ादिमो को लिख्खा जा रहा है।


मैं यही चाहता हूं के अलमसीह को और उन के जी उठने की क़ुदरत को जानूं, अलमसीह के साथ दुखों में शरीक होने का तजुर्बा हासिल करूं, और अलमसीह की मौत से मुशाबहत पैदा कर लूं,


इस का मतलब यह नहीं के मैं उस मक़सद को पा चुका हूं या कामिल हो चुका हूं, बल्के मैं उस मक़सद को पाने के लिये दौड़ा चला जा रहा हूं जिस के लिये अलमसीह ईसा ने मुझे पकड़ा था।


लेकिन जो कुछ मेरे लिये नफ़े का बाइस था, मैंने उसे अलमसीह की ख़ातिर नुक़्सान समझ लिया है।


क्यूंके अब मैं नज़्र की क़ुर्बानी की तरह उंडेला जा रहा हूं और मेरे इस दुनिया से जाने का वक़्त आ पहुंचा है।


क्यूंके हम अलमसीह में शरीक हो चुके हैं, बशर्ते के अपने इब्तिदाई उम्मीद पर आख़िर तक मज़बूती से क़ाइम रहें।


पस तुम ईमान लाने वालों के लिये तो वह पत्थर क़ीमती है लेकिन ईमान न लाने वालों के लिये, “जिस पत्थर को मेमारों ने रद्द कर दिया था वोही कोने के सिरे का पत्थर हो गये।


ख़ुदा बाप और हमारे ख़ुदावन्द ईसा की पहचान के सबब से तुम्हें फ़ज़ल और इत्मीनान कसरत से हासिल होता रहे।


ख़ुदा की इलाही क़ुदरत ने हमें वह सब कुछ अता किया है जो ख़ुदापरस्त ज़िन्दगी और दीनदारी के लिये ज़रूरी है, और हमें यह सब कुछ उसी की पहचान के वसीले से बख़्शा गया है, जिस ने हमें अपने ख़ास जलाल और नेकी के ज़रीये बुलाया है।


क्यूंके अगर ये ख़ूबीयां तुम्हारे अन्दर मौजूद हैं और उन में इज़ाफ़ा होता जा रहा है तो तुम हमारे ख़ुदावन्द ईसा अलमसीह के मुकम्मल इल्म में बेकार और बे फल नहीं होगे।


बल्के हमारे ख़ुदावन्द और मुनज्जी ईसा अलमसीह के फ़ज़ल और इरफ़ान में बढ़ते जाओ। उसी की तम्जीद अब भी हो और अबद होती रहे। आमीन।


हम ने जो कुछ देखा और सुना उस की ख़बर तुम्हें भी देते हैं ताके तुम भी हमारी रिफ़ाक़त में जो ख़ुदा बाप और उस के बेटे हुज़ूर ईसा अलमसीह के साथ है, शरीक हो जाओ।


ये लोग निकले तो हम ही में से मगर हक़ीक़त में हम में से नहीं थे क्यूंके अगर वो हम में से होते तो हमारे ही साथ रहते। लेकिन निकल इसलिये गये ताके ज़ाहिर हो जाये के ये लोग हमारी जमाअत के असल मोमिन थे ही नहीं।


और हम ये भी जानते हैं के ख़ुदा का बेटा आ गया है और उस ने हमें समझ बख़्शी है ताके हम उसे जान लें जो हक़ीक़ी है; और हम उस में हैं जो हक़ीक़ी है, यानी उस के बेटे हुज़ूर ईसा अलमसीह में। वोही हक़ीक़ी ख़ुदा और अब्दी ज़िन्दगी है।


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