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फ़िलिप्पियों 3:14 - उर्दू हमअस्र तरजुमा

14 और तेज़ी से निशान की जानिब दौड़ा चला जाता हूं ताके वह इन्आम हासिल कर लूं जिस के लिये ख़ुदा ने मुझे अलमसीह ईसा में ऊपर आसमान पर बुलाया है।

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

14 निशाने की तरफ़ दौड़ा हुआ जाता हूँ, ताकि उस इनाम को हासिल करूँ जिसके लिए ख़ुदा ने मुझे मसीह ईसा में ऊपर बुलाया है।

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किताब-ए मुक़द्दस

14 मैं सीधा मनज़िले-मक़सूद की तरफ़ दौड़ा हुआ जाता हूँ ताकि वह इनाम हासिल करूँ जिसके लिए अल्लाह ने मुझे मसीह ईसा में आसमान पर बुलाया है।

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फ़िलिप्पियों 3:14
20 Cross References  

“तौरेत और नबियों की बातें हज़रत यहया तक क़ाइम रहीं और फिर उस वक़्त से ख़ुदा की बादशाही की ख़ुशख़बरी सुनाई जाने लगी और हर कोई उस में दाख़िल होने की ज़बरदस्त कोशिश कर रहा है।


क्यूंके ख़ुदा की नेमतें और उस का इन्तिख़ाब ग़ैरमुतबद्दल है।


क्या तुम नहीं जानते के दौड़ के मैदान में मुक़ाबला के लिये सब ही दौड़ते हैं लेकिन इन्आम एक ही पाता है। तुम भी ऐसे दौड़ो के जीत सको।


हमारी यह मामूली सी मुसीबत जो के आरज़ी है हमारे लिये ऐसा अब्दी जलाल पैदा कर रही है जो हमारे क़ियास से बाहर है।


क्यूंके मख़्तून तो हम हैं, जो ख़ुदा के रूह की हिदायत से उस की इबादत करते हैं, और अलमसीह ईसा पर फ़ख़्र करते हैं और जिस्म पर भरोसा नहीं करते


अगर कोई शख़्स ज़ाहिरी ख़ाकसारी और फ़रिश्तों की इबादत करने से ख़ुश होता है। ऐसा शख़्स बड़ी तफ़्सील से अपनी रोयाओं में देखी हुई चीज़ों का बयान करता है; और अपनी ग़ैर रूहानी अक़्ल पर बेफ़ाइदा फूल जाता है।


और तुम हर एक को हौसला और तसकीन देते और समझाते रहो ताके तुम्हारा चाल चलन ख़ुदा के लाइक़ हो, जो तुम्हें अपने जलाल और बादशाही में शरीक होने के लिये बुलाता है।


क्यूंके ख़ुदा ने हमें नजात बख़्शी और पाकीज़ा ज़िन्दगी गुज़ारने के लिये बुलाया है। ये हमारे आमाल के सबब से नहीं था बल्के उस के अपने ख़ास मक़सद और उस फ़ज़ल के मुवाफ़िक़ हुआ था जो हम पर अलमसीह ईसा में अज़ल ही से हो चुका था।


लिहाज़ा ऐ मुक़द्दसीन भाईयों और बहनों, तुम जो आसमानी बुलावे में शरीक हो, हुज़ूर ईसा पर ग़ौर करो जिन का हम इक़रार रसूल और आला काहिन के तौर पर करते हैं।


चुनांचे आओ! अलमसीह की तालीम की इब्तिदाई बुनियादी बातें छोड़कर कामलियत की तरफ़ क़दम बढ़ायें और ऐसी बातें दुहराने की ज़रूरत नहीं होनी चाहिये जिन से ईमान की बुनियाद रखी जाती है मसलन बेकार रसूमात से तौबा करना, ख़ुदा पर ईमान रखना,


इसलिये अपनी अक़्ल से काम लो और होशयार रह कर, मुकम्मल संजीदगी से ज़िन्दगी गुज़ारो और उस फ़ज़ल पर पूरी उम्मीद रखो जो तुम्हें हुज़ूर ईसा अलमसीह के ज़ाहिर होने के वक़्त मिलने वाला है।


और अब ख़ुदा जो सारे फ़ज़ल का सरचश्मा है, जिस ने तुम्हें अलमसीह ईसा में अपने दाइमी जलाल में शरीक होने के लिये बुलाया है, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुख उठाने के बाद, ख़ुदा आप ही तुम्हें कामिल और क़ाइम और मज़बूत कर देगा।


ख़ुदा की इलाही क़ुदरत ने हमें वह सब कुछ अता किया है जो ख़ुदापरस्त ज़िन्दगी और दीनदारी के लिये ज़रूरी है, और हमें यह सब कुछ उसी की पहचान के वसीले से बख़्शा गया है, जिस ने हमें अपने ख़ास जलाल और नेकी के ज़रीये बुलाया है।


जो ग़ालिब आये, मैं उसे अपने साथ अपने तख़्त पर बैठने का हक़ दूंगा, जिस तरह मैं ग़ालिब आकर अपने बाप के साथ उस के तख़्त पर बैठ गया।


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