Biblia Todo Logo
Online Bible

- Advertisements -




फ़िलिप्पियों 3:1 - उर्दू हमअस्र तरजुमा

1 ग़रज़, मेरे भाईयो और बहनों, ख़ुदावन्द में ख़ुश रहो! तुम्हें एक ही बात दुबारा लिखने में मुझे तो कुछ दिक़्क़त नहीं, और तुम्हारी इस में हिफ़ाज़त है।

See the chapter Copy

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

1 ग़रज़ मेरे भाइयों! ख़ुदावन्द में ख़ुश रहो। तुम्हें एक ही बात बार — बार लिखने में मुझे तो कोई दिक़्क़त नहीं, और तुम्हारी इस में हिफ़ाज़त है।

See the chapter Copy

किताब-ए मुक़द्दस

1 मेरे भाइयो, जो कुछ भी हो, ख़ुदावंद में ख़ुश रहें। मैं आपको यह बात बताते रहने से कभी थकता नहीं, क्योंकि ऐसा करने से आप महफ़ूज़ रहते हैं।

See the chapter Copy




फ़िलिप्पियों 3:1
46 Cross References  

तो तुम ख़ुश होना और जश्न मनाना क्यूंके तुम्हें आसमान पर बड़ा अज्र हासिल होगा। इसलिये के उन्होंने उन नबियों को भी जो तुम से पहले थे इसी तरह सताया था।


और मेरी रूह मेरे मुनज्जी ख़ुदा से निहायत ख़ुश है,


और न सिर्फ़ ये बल्के हम अपने ख़ुदावन्द ईसा अलमसीह के ज़रीये ख़ुदा की रिफ़ाक़त पर फ़ख़्र करते हैं क्यूंके अलमसीह के बाइस ख़ुदा के साथ हमारी सुलह हो गई है।


अब आख़िर में यह लिखता हूं के भाईयो और बहनों, ख़ुश रहो, कामिल बनो, तसल्ली पाओ, एक दिल रहो, मेल-जोल रखो और ख़ुदा जो महब्बत और मेल-जोल का सरचश्मा है तुम्हारे साथ होगा।


आख़िरी बात यह है के तुम ख़ुदावन्द में और उस की क़ुव्वत से मामूर होकर मज़बूत बन जाओ।


क्यूंके मख़्तून तो हम हैं, जो ख़ुदा के रूह की हिदायत से उस की इबादत करते हैं, और अलमसीह ईसा पर फ़ख़्र करते हैं और जिस्म पर भरोसा नहीं करते


ख़ुदावन्द मैं हर वक़्त ख़ुश रहो, मैं फिर कहता हूं: ख़ुश रहो!


ग़रज़, ऐ भाईयो और बहनों! जितनी बातें सच हैं, लाइक़ हैं, मुनासिब हैं, पाक हैं, दिलकश और पसन्दीदा हैं यानी जो अच्छी और क़ाबिले-तारीफ़ हैं, उन ही बातों पर ग़ौर किया करो।


ग़रज़, ऐ भाईयो और बहनों! हम तुम से दरख़्वास्त करते हैं और ख़ुदावन्द ईसा में तुम्हारी हौसला-अफ़ज़ाई करते हैं के जिस तरह तुम ने हम से ख़ुदा को ख़ुश करने के लिये मुनासिब चाल चलना सीखा है, और तुम वैसी ही ज़िन्दगी गुज़ार भी रहे हो। और अब इसी तरह और तरक़्क़ी करते जाओ।


हर वक़्त ख़ुश रहो।


मेरे भाईयो और बहनों! जब तुम तरह-तरह की आज़माइशों का सामना करते हो, तो इसे बड़ी ख़ुशी की बात समझो


ग़रज़ तुम सब एक दिल रहो, और एक दूसरे के साथ हमदर्दी दिखाओ, आपस में बरादराना महब्बत से पेश आओ, नर्म-दिल और फ़रोतन बनो।


बल्के ख़ुशी मनाओ की तुम अलमसीह के दुखों में शरीक हो रहे हो। ताके जब उन का जलाल ज़ाहिर हो, तो तुम और भी निहायत ख़ुश-ओ-ख़ुर्रम हो सको।


ऐ अज़ीज़ो! अब मैं तुम्हें ये दूसरा ख़त लिख रहा हूं। मैंने दोनों ख़ुतूत मैं तुम्हारी याददाश्त को ताज़ा करने और तुम्हारे साफ़ दिलों की हौसला-अफ़ज़ाई करने की कोशिश की है।


Follow us:

Advertisements


Advertisements