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फ़िलिप्पियों 1:8 - उर्दू हमअस्र तरजुमा

8 ख़ुदा गवाह है के मेरे दिल में तुम्हारे लिये अलमसीह ईसा की सी महब्बत है और मैं तुम्हारा किस क़दर मुश्ताक़ हूं।

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

8 ख़ुदा मेरा गवाह है कि मैं ईसा मसीह जैसी महब्बत करके तुम सब को चाहता हूँ।

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किताब-ए मुक़द्दस

8 अल्लाह मेरा गवाह है कि मैं कितनी शिद्दत से आप सबका आरज़ूमंद हूँ। हाँ, मैं मसीह की-सी दिली शफ़क़त के साथ आपका ख़ाहिशमंद हूँ।

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फ़िलिप्पियों 1:8
24 Cross References  

हमारे ख़ुदा की उस बड़ी रहमत की वजह से, हम पर आलमे-बाला का आफ़ताब तुलू होगा


ख़ुदा जिस के बेटे की ख़ुशख़बरी की तब्लीग़ की ख़िदमत में दिल-ओ-जान से अन्जाम दे रहा हूं, मेरी ये गवाही है के आप को हर वक़्त अपनी दुआओं में कितनी कसरत से याद करता हूं


मैं अलमसीह में सच कहता हूं, झूट नहीं बोलता बल्के मेरा ज़मीर भी पाक रूह के ताबे होकर गवाही देता है


अगर तुम सच-मुच ज़ोरआवर हो तो हम अपने कमज़ोर होने पर भी ख़ुश हैं; और यह दुआ भी करते हैं के तुम ख़ूब कामिल होते चले जाओ।


हमारे हां तुम्हारे लिये तंग दिली नहीं है, लेकिन तुम्हारे ही दिमाग़ तज़बज़ब का शिकार हैं।


जब उसे याद आता है के तुम किस क़दर फ़रमांबरदार निकले और किस तरह ख़ौफ़ खाते और थरथराते हुए उस से मिले थे तो उस का दिल तुम्हारी महब्बत से लबरेज़ हो जाता है।


ख़ुदा जानता है के जो बातें मैं तुम्हें लिख रहा हूं, बिलकुल सच्ची हैं।


इसलिये के तुम सब अलमसीह ईसा पर ईमान लाने के वसीले से ख़ुदा के फ़र्ज़न्द बन गये हो,


मेरे बच्चो! में तुम्हारे लिये फिर से बच्चा जनने वाली औरत की तरह दर्द महसूस करता हूं यह दर्द जारी रहेगा जब तक के अलमसीह की सूरत तुम में क़ाइम न हो जाये,


पस अगर अलमसीह में तुम में तसल्ली और महब्बत से हौसला, और पाक रूह की रिफ़ाक़त में रहमदिली और हमदर्दी पाई जाती है,


वह तुम सब का मुश्ताक़ है और बेक़रार भी है क्यूंके तुम ने उस की बीमारी का हाल सुन था।


इसलिये मेरे अज़ीज़ भाईयो और बहनों, जिन का मैं मुश्ताक़ हूं और तुम जो मेरी ख़ुशी और मेरा ताज हो, ऐ मेरे अज़ीज़ों, ख़ुदावन्द में इसी तरह क़ाइम रहो!


मैं चाहता हूं के तुम जान लो के में न सिर्फ़ तुम्हारे लिये बल्के लौदीकिया शहर वालों के लिये, और उन तमाम मोमिनीन के लिये भी कितनी सख़्त जद्द-ओ-जहद कर रहा हूं और जिन लोगो से मैं ज़ाती तौर से नहीं मिला।


पस ख़ुदा के मुन्तख़ब किये हुए मुक़द्दस और अज़ीज़ मुन्तख़ब बरगुज़ीदों की तरह तरस, मेहरबानी, फ़िरोतनी, नरमी और तहम्मुल का लिबास पहन लो।


क्यूंके तुम जानते हो के हम ने कलाम में कभी भी न तो ख़ुशामद का सहारा लिया और न ही वो लालच का पर्दा बना, ख़ुदा इस बात का गवाह है।


और तुम्हारी देख-भाल की। क्यूंके हम तुम्हें इतना ज़्यादा चाहने लगे थे, के न सिर्फ़ ख़ुदा की ख़ुशख़बरी बल्के हम अपनी जान तक भी तुम्हें देने को राज़ी थे।


और तुम्हारे आंसुओं को याद कर के, मैं तुम से मिलने का आरज़ूमन्द हूं ताके तुम से मिल कर ख़ुशी हो से भर जाऊं।


अब मैं उसे यानी अपने लख़्त-ए-जिगर को तेरे पास वापस भेज रहा हूं।


ऐ भाई! मैं चाहता हूं के मुझे तेरी तरफ़ से ख़ुदावन्द में मदद हासिल हो, और अलमसीह में मेरे दिल को ताज़गी मिले।


अगर किसी के पास दुनिया का माल मौजूद है लेकिन वो अपने भाई को मोहताज देखकर उस पर रहम करने से बाज़ रहता है तो ख़ुदा की महब्बत उस में किस तरह क़ाइम रह सकती है?


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