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फ़िलिप्पियों 1:27 - उर्दू हमअस्र तरजुमा

27 कुछ भी हो, इतना ज़रूर करो के तुम्हारा चाल चलन अलमसीह की ख़ुशख़बरी के लाइक़ हो। ताके, ख़्वाह मैं तुम्हें देखने आऊं या न आऊं, यह ज़रूर सुन सकूं के तुम एक रूह में क़ाइम हो और एक जान होकर कोशिश कर रहे हो के लोग ख़ुशख़बरी पर ईमान लायें

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

27 सिर्फ़ ये करो कि मसीह में तुम्हारा चाल चलन मसीह के ख़ुशख़बरी के मुवाफ़िक़ रहे ताकि; चाहे मैं आऊँ और तुम्हें देखूँ चाहे न आऊँ, तुम्हारा हाल सुनूँ कि तुम एक रूह में क़ाईम हो, और ईन्जील के ईमान के लिए एक जान होकर कोशिश करते हो,

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किताब-ए मुक़द्दस

27 लेकिन आप हर सूरत में मसीह की ख़ुशख़बरी और आसमान के शहरियों के लायक़ ज़िंदगी गुज़ारें। फिर ख़ाह मैं आकर आपको देखूँ, ख़ाह ग़ैरमौजूदगी में आपके बारे में सुनूँ, मुझे मालूम होगा कि आप एक रूह में क़ायम हैं, आप मिलकर यकदिली से उस ईमान के लिए जाँफ़िशानी कर रहे हैं जो अल्लाह की ख़ुशख़बरी से पैदा हुआ है,

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फ़िलिप्पियों 1:27
53 Cross References  

हुज़ूर ईसा ने उन के ख़्यालात जान कर उन से फ़रमाया, “अगर किसी सल्तनत में फूट पड़ जाये तो वह मिट जाती है, और जिस शहर या घर में फूट पड़ जाये तो वह भी क़ाइम नहीं रहेगा।


वह हर रोज़ एक दिल होकर बैतुलमुक़द्दस के सहन में जमा होते थे। अपने घरों में रोटी तोड़ते थे और इकट्-ठे होकर ख़ुशी और साफ़ दिली से खाना खाते थे।


कुछ दिनों के बाद फ़ेलिक्स अपनी बीवी द्रुसिल्ला के साथ आया, जो यहूदी थी। उस ने पौलुस को बुला भेजा और ख़ुदावन्द अलमसीह ईसा पर ईमान की बाबत उस की बातें सुनीं।


मोमिनीन की जमाअत एक दिल और एक जान थी। कोई भी ऐसा न था जो अपने माल को सिर्फ़ अपना समझता हो बल्के दूसरों को भी सारी चीज़ों में शरीक समझता था।


मैं इन्जील से नहीं शरमाता क्यूंके वह हर ईमान लाने वाले की नजात के लिये ख़ुदा की क़ुदरत है। पहले यहूदी के लिये फिर ग़ैरयहूदी के लिये।


आप की मारिफ़त हमें फ़ज़ल और रिसालत मिली ताके हम सब ग़ैरयहूदियों को आप के नाम की ख़ातिर ईमान से आने वाली इताअत के ताबे हों।


ख़ुदा जिस के बेटे की ख़ुशख़बरी की तब्लीग़ की ख़िदमत में दिल-ओ-जान से अन्जाम दे रहा हूं, मेरी ये गवाही है के आप को हर वक़्त अपनी दुआओं में कितनी कसरत से याद करता हूं


लेकिन इस का क्या मतलब है? “ये के कलाम तुम्हारे पास है; बल्के तुम्हारे होंटों पर और तुम्हारे दिल में है,” ये ईमान का वोही कलाम है, जिस की हम मुनादी करते हैं:


के मैं ग़ैरयहूदियों में अलमसीह ईसा का ख़ादिम बनूं। और काहिन के तौर पर ख़ुदा की ख़ुशख़बरी सुनाता रहूं, ताके ग़ैरयहूदी पाक रूह से मुक़द्दस होकर ऐसी नज़्र बन जायें जो ख़ुदा की हुज़ूरी में मक़्बूल ठहरे।


मैं जानता हूं के जब तुम्हारे पास आऊंगा तो अलमसीह की सारी बरकतें ले कर आऊंगा।


ऐ भाईयो और बहनों! हमारे ख़ुदावन्द ईसा अलमसीह के नाम से तुम से इल्तिमास करता हूं के तुम एक दूसरे से मुताबक़त रखो ताके तुम में तफ़्रिक़े पैदा न हों और तुम सब एक दिल और एक राय होकर मुकम्मल तौर पर मुत्तहिद रहो।


इसलिये मेरे अज़ीज़ भाईयो और बहनों, साबित-क़दम रहो और ख़ुदावन्द की ख़िदमत में हमेशा सरगर्म रहो, क्यूंके तुम जानते हो के ख़ुदावन्द में तुम्हारी मेहनत बेफ़ाइदा नहीं है।


अब आख़िर में यह लिखता हूं के भाईयो और बहनों, ख़ुश रहो, कामिल बनो, तसल्ली पाओ, एक दिल रहो, मेल-जोल रखो और ख़ुदा जो महब्बत और मेल-जोल का सरचश्मा है तुम्हारे साथ होगा।


चूंके इस जहान के झूटे ख़ुदा ने उन बेएतक़ादों की अक़्ल को अन्धा कर दिया है, इसलिये वह ख़ुदा की सूरत यानी अलमसीह के जलाल की ख़ुशख़बरी की रोशनी को देखने से महरूम हैं।


इस ख़िदमत से लोगों पर साबित हो जायेगा के तुम अलमसीह की ख़ुशख़बरी को मानने का दावा ही नहीं करते बल्के उस पर ताबेदारी से अमल भी करते हो। ख़ुदा की तारीफ़ करते और सब लोगों की मदद करने में बड़ी सख़ावत से काम लेते हो।


कोई दूसरी ख़ुशख़बरी है ही नहीं। हां, कुछ लोग हैं जो ख़ुदावन्द अलमसीह की ख़ुशख़बरी को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं और तुम्हें उलझन में डाले हुए हैं।


और जब तुम ने कलाम हक़ को सुना, जो तुम्हारी नजात की ख़ुशख़बरी है। और जब तुम अलमसीह पर ईमान लाये, तो ख़ुदा ने अपने वादे के मुताबिक़ तुम्हें पाक रूह दे कर तुम पर अपनी मुहर लगा दी,


जब से मैंने सुना है के तुम ख़ुदावन्द ईसा पर बड़ा ईमान रखते हो और सब मुक़द्दसीन से महब्बत रखते हो,


पस मैं जो ख़ुदावन्द की ख़ातिर क़ैद में हूं, तुम से इल्तिमास करता हूं के उस मेयार के मुताबिक़ ज़िन्दगी गुज़ारो जिस के लिये तुम बुलाए गये थे।


इसलिये के तुम पहले दिन से आज तक ख़ुशख़बरी फैलाने में शरीक रहे हो,


पस ऐ मेरे अज़ीज़ो! जिस तरह तुम ने मेरी मौजूदगी में हमेशा मेरी फ़रमांबरदार की है, उसी तरह अब मेरी ग़ैर मौजूदगी में भी ख़ूब डरते और कांपते हुए अपनी नजात के काम को जारी रखो,


बल्के मुझे ख़ुदावन्द पर भरोसा है के मैं ख़ुद भी जल्द ही आ जाऊंगा।


क्यूंके, बहुत से ऐसे हैं जिन का ज़िक्र में बारहा कर चुका हूं और अब भी तुम से रो-रो कर कहता हूं, बहुत से लोग अपने चाल चलन से अलमसीह की सलीब के दुश्मन बन कर जीते हैं।


मगर हमारा वतन आसमान पर है। और हम अपने मुनज्जी ख़ुदावन्द ईसा अलमसीह के वहां से, वापस आने के इन्तिज़ार में हैं,


इसलिये मेरे अज़ीज़ भाईयो और बहनों, जिन का मैं मुश्ताक़ हूं और तुम जो मेरी ख़ुशी और मेरा ताज हो, ऐ मेरे अज़ीज़ों, ख़ुदावन्द में इसी तरह क़ाइम रहो!


ताके तुम्हारी ज़िन्दगी ख़ुदावन्द के लाइक़ हो और ख़ुदावन्द को हर तरह से ख़ुश करने वाली हो: और सब नेक काम में फलदार बनो, और ख़ुदा के इल्म-ओ-इरफ़ान में बढ़ते चले जाओ,


क्यूंके हम ने सुना है के तुम ख़ुदावन्द अलमसीह ईसा पर ईमान रखते हो और सब मुक़द्दसीन से किस क़दर महब्बत करते हो।


लेकिन अभी तिमुथियुस तुम्हारे पास से यहां आया है और उस ने तुम्हारे ईमान और महब्बत और इस बात की हमें यह ख़ुशख़बरी दी है के तुम हमारा ज़िक्र-ए-ख़ैर हमेशा करते हो और हम से मिलने के ऐसे मुश्ताक़ हो जैसे के हम तुम सब से मिलने की आरज़ू रखते हैं।


ग़रज़, ऐ भाईयो और बहनों! हम तुम से दरख़्वास्त करते हैं और ख़ुदावन्द ईसा में तुम्हारी हौसला-अफ़ज़ाई करते हैं के जिस तरह तुम ने हम से ख़ुदा को ख़ुश करने के लिये मुनासिब चाल चलना सीखा है, और तुम वैसी ही ज़िन्दगी गुज़ार भी रहे हो। और अब इसी तरह और तरक़्क़ी करते जाओ।


और यह पुरजलाल ख़ुशख़बरी में पाई जाती है, जिसे मुबारक ख़ुदा ने मेरे सुपुर्द किया है।


और ईमान और नेकनियती पर क़ाइम रहो। जिसको दूर करने के सबब से बाज़ लोगों ने ऐसा ही किया और उन के ईमान का जहाज़ ग़र्क़ हो गया।


मैं अच्छी कुश्ती लड़ चुका हूं। मैंने दौड़ को ख़त्म कर लिया है और मैंने अपने ईमान को महफ़ूज़ रख्खा है।


ख़ियानत न करें बल्के पूरी वफ़ादारी से काम करें ताके उन के सारे काम हमारे मुनज्जी ख़ुदा की तालीम की ज़ीनत का बाइस हो सकें।


क्यूंके मैं सुनता हूं के तुम ख़ुदा के सब मुक़द्दसीन से महब्बत रखते हो और तुम्हारा ईमान ख़ुदावन्द ईसा पर है।


और सुलह कराने वाले अमन का बीज बो कर, रास्तबाज़ी की फ़सल काटते हैं।


जब तमाम चीज़ें इस तरह तबाह-ओ-बर्बाद होने वाली हैं तो तुम्हें कैसा शख़्स होना चाहिये? तुम्हें तो निहायत ही पाकीज़गी और ख़ुदापरस्ती की ज़िन्दगी गुज़ारनी चाहिये।


चुनांचे ऐ अज़ीज़ों! जब के तुम इन बातों के मुन्तज़िर हो इसलिये पूरी कोशिश करो के ख़ुदावन्द की हुज़ूरी में अपने आप को बेदाग़, बेऐब और सुलह के साथ पाए जाओ।


अज़ीज़ दोस्तों जब मैं तुम्हें उस नजात के बारे में लिखने का बेहद मुश्ताक़ था जिस में हम सब शामिल हैं तो मैंने तुम्हें ये नसीहत लिखना ज़रूरी समझा ताके तुम इस ईमान के लिये पूरी जद्दोजहद करो जो ख़ुदा के मुक़द्दसीन को एक ही बार हमेशा के लिये सौंपा गया है।


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