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फ़िलिप्पियों 1:17 - उर्दू हमअस्र तरजुमा

17 लेकिन दूसरे इस मुआमले में साफ़ दिल नहीं हैं, बल्के मुझ से हसद की वजह से अलमसीह की मुनादी करते हैं, ताके क़ैद में भी मुझे रंज पहुंचायें।

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

17 अगर दूसरे तफ़्रक़े की वजह से न कि साफ़ दिली से, बल्कि इस ख़याल से कि मेरी क़ैद में मेरे लिए मुसीबत पैदा करें।

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किताब-ए मुक़द्दस

17 इसके मुक़ाबले में दूसरे ख़ुलूसदिली से मसीह के बारे में पैग़ाम नहीं सुनाते बल्कि ख़ुदग़रज़ी से। यह समझते हैं कि हम इस तरह पौलुस की गिरिफ़्तारी को मज़ीद तकलीफ़देह बना सकते हैं।

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फ़िलिप्पियों 1:17
16 Cross References  

लेकिन तुम्हें कोई ज़रूरत नहीं के तुम पहले ही से फ़िक्र करने लगो के हम क्या कहेंगे।


“भाईयो और पिद्रान, अब मेरा बयान सुनो जो में अपनी सफ़ाई में पेश करता हूं।”


इस पर अग्रिप्पा पौलुस से कहा, “तुझे अपने बारे में बोलने की इजाज़त है।” लिहाज़ा पौलुस हाथ से इशारा करते हुए अपनी सफ़ाई पेश करने लगे:


जब वह अपनी सफ़ाई में ये बयान कर ही रहे थे तो फ़ेस्तुस ने उन्हें इशारे से रोक कर बुलन्द आवाज़ से कहा, पौलुस! “तू पागल हो गया है, इल्म की ज़्यादती ने तुझे पागल कर दिया है।”


लेकिन जो ख़ुद ग़रज़ हैं और सच्चाई को तर्क कर के बदी की पैरवी करते हैं, उन पर ख़ुदा का क़हर और ग़ज़ब नाज़िल होगा।


पस क्या हुआ? उन की नीयत बुरी हो या नेक, अलमसीह की ख़ुशख़बरी तो सुनाई जाती है। मैं इसी बात से ख़ुश हूं। हां, और मैं ख़ुश रहूंगा।


मेरा तुम सब की बाबत ये ख़्याल करना मुनासिब है, क्यूंके तुम हमेशा मेरे दिल में रहते हो, न सिर्फ़ उस वक़्त जब के मैं ज़न्जीरों में क़ैद हूं बल्के उस वक़्त भी जब मैं ख़ुशख़बरी की जवाबदेही और सबूत के अमल में, तुम सब मेरे साथ ख़ुदा के फ़ज़ल में शरीक रहे हो।


तफ़्रिक़ा और फ़ुज़ूल फ़ख़्र के बाइस कुछ न करो। बल्के फ़रोतन होकर एक शख़्स दूसरे शख़्स को अपने से बेहतर समझे।


और इसी मक़सद के लिये मुझे मुन्नाद और रसूल और ग़ैरयहूदियों को ईमान और सच्चाई की बातें सिखाने वाला उस्ताद मुक़र्रर किया गया। मैं झूट नहीं बोलता, सच कह रहा हूं।


इसी ख़ुशख़बरी के लिये मैं मुजरिम की तरह दुख उठाता और ज़न्जीरों से जकड़ा हुआ हूं। लेकिन ख़ुदा का कलाम क़ैद नहीं है।


अदालत में मेरी पहली पेशी के वक़्त किसी ने मेरा साथ नहीं दिया बल्के सब ने मुझे छोड़ दिया था। काश ख़ुदा उन से उस का जवाब तलब न करे!


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