Biblia Todo Logo
Online Bible

- Advertisements -




फ़िलिप्पियों 1:13 - उर्दू हमअस्र तरजुमा

13 यहां तक के शाही महल के तमाम सिपाहियों और यहां के सब लोगों में यह बात मशहूर हो गई है के मैं अलमसीह के ख़ादिम होने की ख़ातिर क़ैद में हूं।

See the chapter Copy

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

13 यहाँ तक कि मैं क़ैसरी सिपाहियों की सारी पलटन और बाक़ी सब लोगों में मशहूर हो गया कि मैं मसीह के वास्ते क़ैद हूँ;

See the chapter Copy

किताब-ए मुक़द्दस

13 क्योंकि प्रैटोरियुम के तमाम अफ़राद और बाक़ी सबको मालूम हो गया है कि मैं मसीह की ख़ातिर क़ैदी हूँ।

See the chapter Copy




फ़िलिप्पियों 1:13
17 Cross References  

पौलुस ने जवाब दिया, “ख़्वाह ज़रा सी ख़्वाह ज़्यादा, मैं तो ख़ुदा से दुआ करता हूं के न सिर्फ़ आप बल्के जितने भी आज मेरी बात सुन रहे हैं मेरी मानिन्द हो जायें, सिवाए इन ज़न्जीरों के।”


कमरे से निकलने के बाद, वह एक दूसरे से कहने लगे, “ये आदमी कोई ऐसा काम तो नहीं कर रहा है के उसे सज़ा-ए-मौत दी जाये या क़ैद में रखा जाये।”


जब तीन दिन गुज़र गये तो पौलुस ने यहूदी रहनुमाओं के को बुलवाया। जब वह जमा हुए, तो पौलुस ने उन से कहा: “मेरे भाईयो, मैंने अपनी उम्मत के और बाप दादा की रस्मों के ख़िलाफ़ कोई काम नहीं किया तो भी, मुझे यरूशलेम में गिरिफ़्तार कर के रोमियों के हवाले कर दिया गया।


चुनांचे मैंने तुम्हें इसलिये बुलाया है के तुम से मिलूं और बात करूं। क्यूंके मैं इस्राईल की उम्मीद के सबब से ज़न्जीर से जकड़ा हुआ हूं।”


पौलुस पूरे दो बरस तक अपने कराया के मकान में रहे और जो उन से मुलाक़ात करने आते थे उन सब से मिला करते थे।


यही वजह है के मैं पौलुस, तुम ग़ैरयहूदी क़ौमों की ख़ातिर अलमसीह ईसा का क़ैदी हूं।


पस मैं जो ख़ुदावन्द की ख़ातिर क़ैद में हूं, तुम से इल्तिमास करता हूं के उस मेयार के मुताबिक़ ज़िन्दगी गुज़ारो जिस के लिये तुम बुलाए गये थे।


इस ख़ुशख़बरी की ख़ातिर में ज़न्जीर से जकड़ा हुआ एलची हूं। दुआ करो के में ऐसी दिलेरी से उसे बयान करूं जैसा मुझ पर फ़र्ज़ है।


तुम भी उसी तरह जद्द-ओ-जहद करते रहो जिस तरह तुम ने मुझे करते देखा था, और अब भी सुनते हो के मैं अब तक उसी में मसरूफ़ हूं।


मेरा तुम सब की बाबत ये ख़्याल करना मुनासिब है, क्यूंके तुम हमेशा मेरे दिल में रहते हो, न सिर्फ़ उस वक़्त जब के मैं ज़न्जीरों में क़ैद हूं बल्के उस वक़्त भी जब मैं ख़ुशख़बरी की जवाबदेही और सबूत के अमल में, तुम सब मेरे साथ ख़ुदा के फ़ज़ल में शरीक रहे हो।


ख़ुदा के तमाम मुक़द्दसीन, ख़ुसूसन तमाम अहल-ए-ईमान जो क़ैसर के महल वालों में से हैं, तुम्हें सलाम कहते हैं।


इसी ख़ुशख़बरी के लिये मैं मुजरिम की तरह दुख उठाता और ज़न्जीरों से जकड़ा हुआ हूं। लेकिन ख़ुदा का कलाम क़ैद नहीं है।


Follow us:

Advertisements


Advertisements