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फ़िलिप्पियों 1:12 - उर्दू हमअस्र तरजुमा

12 ऐ भाईयो और बहनों! मेरी ख़ाहिश है के तुम्हें यह बात मालूम हो जाये के जो कुछ मुझ पर गुज़रा है वह ख़ुशख़बरी की तरक़्क़ी का बाइस हुआ है।

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019

12 ए भाइयों! मैं चाहता हूँ कि तुम जान लो कि जो मुझ पर गुज़रा, वो ख़ुशख़बरी की तरक़्क़ी का ज़रिए हुआ।

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किताब-ए मुक़द्दस

12 भाइयो, मैं चाहता हूँ कि यह बात आपके इल्म में हो कि जो कुछ भी मुझ पर गुज़रा है वह हक़ीक़त में अल्लाह की ख़ुशख़बरी के फैलाव का बाइस बन गया है।

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फ़िलिप्पियों 1:12
19 Cross References  

तब तुम्हें मेरी गवाही देने का अच्छा मौक़ा मिलेगा।


जमाअत के लोग बिखर जाने के बाद जहां-जहां गये, कलाम की ख़ुशख़बरी सुनाते फिरे।


और हम जानते हैं के जो लोग ख़ुदा से महब्बत रखते हैं और उस के इरादे के मुताबिक़ बुलाए गये हैं, ख़ुदा हर हालत में उन की भलाई चाहता है।


फिर भी इन सब हालतों में हमें अपने महब्बत करने वाले के वसीले से बड़ी शानदार फ़त्ह हासिल होती है।


इसलिये के तुम पहले दिन से आज तक ख़ुशख़बरी फैलाने में शरीक रहे हो,


मेरा तुम सब की बाबत ये ख़्याल करना मुनासिब है, क्यूंके तुम हमेशा मेरे दिल में रहते हो, न सिर्फ़ उस वक़्त जब के मैं ज़न्जीरों में क़ैद हूं बल्के उस वक़्त भी जब मैं ख़ुशख़बरी की जवाबदेही और सबूत के अमल में, तुम सब मेरे साथ ख़ुदा के फ़ज़ल में शरीक रहे हो।


लेकिन तुम तिमुथियुस के किरदार से वाक़िफ़ हो के किस तरह उस ने एक बेटे की तरह मेरे साथ मिल कर ख़ुशख़बरी की मुनादी की ख़िदमत अन्जाम दी है।


ऐ अहल-ए-फ़िलिप्पी! तुम अच्छी तरह जानते हो के शुरू-शुरू में जब में ख़ुशख़बरी सुनता हुआ, सूबे मकिदुनिया से रवाना हुआ था, तो तुम्हारे सिवा किसी जमाअत ने लेने देने के मुआमले में, मेरी मदद न की;


और मेरे सच्चे हम ख़िदमत! मैं तुम से भी दरख़्वास्त करता हूं के इन दोनों ख़्वातीन की मदद करो, क्यूंके उन्होंने क्लेमेंस और मेरे बाक़ी हम ख़िदमतों समेत, मेरे साथ ख़ुशख़बरी फैलाने में बड़ी मेहनत की, इन सब के नाम किताब-ए-हयात में दर्ज हैं।


पस मैं चाहता हूं के हर जमाअतों के मोमिन मर्द बग़ैर ग़ुस्से और तकरार के, मुक़द्दस हाथों को उठाकर दुआ किया करें।


इसी ख़ुशख़बरी के लिये मैं मुजरिम की तरह दुख उठाता और ज़न्जीरों से जकड़ा हुआ हूं। लेकिन ख़ुदा का कलाम क़ैद नहीं है।


मगर ख़ुदावन्द मेरा मददगार हुआ। ख़ुदावन्द ने मुझे क़ुव्वत बख़्शी ताके मेरे ज़रीये पैग़ाम पूरी तरह से मुनादी की जाये ताके सब ग़ैरयहूदी उसे सुन सकें। साथ ही मैं भूके शेरों के मुंह से भी छुड़ाया गया।


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