“मैं तौ एक यहूदी आदमी हौं जो किलिकिया के तरसुस मै पैदा भओ, पलो और ऐरूसलेम मै गमलीएल के धौंरे पढ़ो और अपने बापदादौं के नियमौ कै अच्छे सै सीको। मैं बी परमेसर को ऐंसो भक्त हौं जैसे तुम अब हौ।
जब पौलुस कै जौ पतो लगो कै बड़ी सभा मै आधे फरीसी और आधे सदूकी लोग हैं, तबई बौ जोर सै बोलल लगो कै, “हे भईयौ, मैं फरीसी और फरीसिऔं के बंस को हौं। मेरे ऊपर इसताँई मुकदमा चल रओ है कै मैं जौ बिसवास करौ हौं कै आदमी मरनै के बाद फिर सै जिन्दो होवै है।”
उस बखत जब चेलौ की संखिया भौत बढ़ल लगी, तब यूनानी भासा बोलनै बारे लोग जौ सिकात करल लगे कै इबरानी भासा बोलनै बारे “हमरी भासा की उन बईयरौं कै जो राँड़ हैं, रोटी दैनै मै कानोबाँटो करै हैं।”
इसताँई मैं पूँछौ हौं, “का परमेसर नै अपनेई लोगौ कै छोड़ दओ है?” बिलकुल ना, कैसेकै मैं बी एक ईसराइली हौं, मैं इब्राहिम की औलाद और बिन्यामीन के गोत को हौं।