21 बौ अपनी बा सकति सै सब चीजौ कै अपने बस मै कर सकै है, और उसई सै हमरे कमजोर सरीर कै बदल कै अपने महिमा बारे सरीर के हाँई बना देगो।
बहाँ उनके सामने बाको रूप बदल गओ। बाको मौह सूरज के हाँई चमकल लगो और बाके लत्ता ऐंसे चमचमाल लगे जैसे रौसनी।
ईसु नै उनकै जबाब दओ, “तुम लोग ना तौ पबित्तर सास्तर जानौ हौ और नाई परमेसर की सकति कै, इसताँई भरम मै पड़े भए हौ।
फिर ईसु नै उनके धौंरे जाकै कैई, “सुरग और धरती को सैरो अधकार मैंकै देओ गओ है।
कैसेकै जिनकै उसनै पैलेई चुनो उनकै अपने लौंड़ा के हाँई बन्नै के ताँई ठैराओ ताकि भौस्से भईयौ मै बौ सबसै पैलो बन सकै।
मसी तुमरी जिन्दगी है और जब बौ परकट होगो, तौ तुम बी बाके संग महिमा मै परकट हो जाऔगे।
मेरे पियारे भईयौ, अब हम परमेसर की औलाद हैं, मगर जौ अबी तक परकट ना भओ है कै हम का बनंगे। हम इतनो जानै हैं कै जब परमेसर को लौंड़ा परकट होगो, तौ हम बाके जैसेई हो जांगे, कैसेकै हम बाकै बैसेई देखंगे जैसो बौ है।
परभु परमेसर, जो है और जो हो और जो आनै बारो है, जो सरब सकतिमान है, जौ कैबै है, “मैंई सुरूआत और अन्त हौं।”