20 मेरी इच्छा और आस जौई है कै चाँहे मैं मरौं या जिन्दो रैहऔ मेरी किसी बात मै बेजती ना होए, पर मेरे सरीर सै हमेसा पूरी हिम्मत के संग मसी की महिमा होती रैहऐ जैसी हमेसा होवै है, और अब्बी हो रई है।
पर मेरे नजरौ मै मेरी जान की कोई कीमत ना है, कैसेकै मैं अपनी दौड़ पूरी कन्नै की सोचौ हौं और परमेसर के किरपा की अच्छी खबर कै सुनानै के काम कै पूरो कन्नो चाँहौ हौं जिसके ताँई मैंकै परभु नै चुनो है।
इसताँई हे भईयौ, परमेसर की दया कै याद करबाकै मैं तुमसै बिनती करौ हौं, कै अपने सरीर कै जिन्दो, पबित्तर और जैसो परमेसर कै अच्छो लगै है बैसो बलिदान करकै चढ़ाऔ, और जौई तुमरे ताँई सई सेवा है।
तुम अपने सरीर के अंगौ कै अधरम के औजारौं जैसे पाप के हवाले मत करौ, बलकन मरे भएऔं मै सै जी उठनै बारौं के जैसे परमेसर के हवाले कर दो। और अपने सरीर के अंगौ कै धरम के औजारौं के रूप मै परमेसर के हवाले कर दो।
मैंनै तुमकै जौ उदाहरन इसताँई दओ कैसेकै जौ बात समजनी तुमरे ताँई मुसकल है। जैसे तुमनै बुराई के ताँई अपने सरीर के अंगौ कै असुद्द और गलत कामौ को दास बनाओ, बैसेई अब तुम पबित्तर होनै के ताँई अपने सरीर के अंगौ कै धारमिकता को दास बनाओ।
जैसो पबित्तर सास्तर मै लिखो है, “देखौ मैं सिओन मै एक पत्थर रख रओ हौं, जो लोगौ कै ठेस लगाबै है, और एक चट्टान जो ठोकर लगाबै है। मगर जो कोई उसके ऊपर बिसवास करैगो उसकी कबी बेजती ना होगी।”
और बाको धियान भटको भओ है। पर जिस बईयर को बिहा ना भओ है या कुँआरी लौंड़िया बे परभु की चिन्ता मै रैहबै हैं। बे सरीर और आत्मा दौनौ मै पबित्तर रैहनै की कोसिस करैं। पर बिहाली दुनिया की बातौं की चिन्ता मै रैहबै हैं कै अपने आदमी कै खुस रक्खै।
कैसेकै अगर मैं जा हक के बारे मै घमंड करौं जो परभु नै तुमरे नास के ताँई ना पर तुमरे आत्मिक रूप कै बढ़ानै के ताँई दओ है, तौ बाके ताँई मैं सरमिन्दा ना हौंगो।
मैंनै तुमरे बारे मै तीतुस के सामने जो कुछ घमंड के संग बोलो है, बाके ताँई मैंकै सरम सै खोपड़ी नीचे कन्नी ना पड़ी है। पर जैसो हमनै तुमसै सबई कुछ सच-सच कैओ हो, तौ बैसेई हमरो घमंड बी जो तीतुस के सामने दिखाओ हो बौ सच लिकरो।
इस बखत तुमरे ताँई मैं जो बी मुसीबत उठा रओ हौं, बाके बजै सै मैं खुस हौं। मसी को सरीर मतलब बिसवासिऔ की मंडली के ताँई मसी के दुख उठानै की जो बी कसर मेरी रैह गई है, बौ मैं अपने सरीर मै लेकै पूरी करौ हौं।