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फिलिप्पियों 1:25 - Sirmouri

25 ईन्देंखे के मुँह ईन्दें का पाक्का भूर्षा असो, अंत्त: हाँव जाँणूऐं के हाँव जीऊँदा रंह्दा, परह् तुँओं सोभी की गईलो रंहूबा; जिन्दे लई तुँऐं बिश्वाष दे डटे अंदे रंह्, अरह् बिश्वाष दे खुशी रंह्।

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सिरमौरी नौवाँ नियम

25 औरौ इथकारिए मुखै भोरोशा औसौ, कै हांव जियुंदी रौन्दा, औरौ तुऔं सौबी कै साथै रौन्दा। हांव तुऔं तोंवारै बिशवाश दै मोजबूत हौणौ औरौ तिथमुंजी खुश हौणौ कारिए मौदद कौरदा।

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फिलिप्पियों 1:25
17 Cross References  

परह् शमौन, मुँऐ ताँव्खें प्रार्थना करी थऐ, के तेरा बिश्वाष खत्त्म ने हों; अरह् जबे तू होशौ दा आऐला, तअ आप्णें भाऐ-बंईण बिश्वाष दे पाक्कै करला।


जबे बरनबास ऐ तेथै पंह्ऊँच़ियों, पंण्मिश्वर के कृपा, अरह् शाँण्त्ति देखी; तअ से बैजाऐ खुशी-आनन्दित्त हऐ गुवा: अरह् संत्त-बरनबास ऐ सोभी लोगों खे प्रभू दे पाक्कै रंहंणों खे होंस्ला-हिमम्त्त दित्ती।


खास-चैले ओकी चैले के मंन पाक्कै कर्दें रंह् थिऐ, अरह् तिनखे से बिश्वाष दे बड़्णों खे हिमम्त्त दियों थिऐ; अरह् से बुलो थिऐ, के आँमों भाँव बैजाऐ दुंख्ह-कल़ेष संह्ऐन कर्णें पड़ले; तबे भे आँमें पंण्मिश्वर के राज्य दे जरूर ज़ाँदे।


“अरह् ऐबे देखो, हाँव तुओं लोगो के बीच दी पंण्मिश्वर के राज्य की खुषख्बरी शुँणाँदा रूवा, अरह् ऐबे हाँव जाँणू ऐं, के ऐबे तुओं मुँझ्शो कुँऐ भे हजो मेरो मुँह ने देखी संक्दे।


पंणमिश्वर जू भुर्षे का दाता असो, से तुँओं खे बिश्वाष के जाँणें साँत्त-भात्ते आँनन्द अरह् शाँण्त्ति शे भरपुर करह्, जिन्दें लई पबित्र-आत्त्मा की शक्त्ति शा तुवाँरा भुर्षा शुरा-पुरा हों।


किन्देंखे के तिनू बातो के सुवाऐ मेरे ओकी कोसी बातो के बारे दी बुल्णों के हिम्मत ने आथी, जू मसीया ऐ गऐर यहूदी खे बिश्वाष दें आँण्णों खे मेरे जाँणें जुण्जा बचन, अरह् कर्म,


अरह् हाँव जाँणूऐं, के जबे हाँव तुँओं कैई आँऊबा, तअ मसीया की बादे आशिर्बाद आरी आँऊबा।


जेस्के जाँणें बिश्वाष के कारण तियों कृपा तोड़ी जिन्दें आँमें बंणें अंदें असो, अरह् तिन्दी अमाँरी पहऊँच भे हंऐ, अरह् पंणमिश्वर की बड़ियाऐ की भूर्षें गाशी आँमें आँनन्द करह्।


ऐजो ने के आँमें बिश्वाष के बारे दा तुँओं गाशी हंक-अधिकार जमाँणा चहाँव; परह् तुवाँरे आँनन्द-खुशी के साथी असो, किन्देंखे के तुँऐं बिश्वाष दे ही पाक्कै रंह।


परह् देह्-शरीर दो रंहणों तुँवारी ताँईऐं बैगेही जरूरी असो।


अरह् मुँह प्रभू गाशी भूर्षा असो, के हाँव आपु भे शट आँऊबा।


अरह् ऐक बात हजो, के मुँखे रंहणों खे जागा तियार थो। मुँह भूर्षा असो, के तुँवारी प्रार्थना के जाँणें मुँह सुवाँ करियों तुँओं कैई देऐ देईदा।


तिनशो तुँऐं बिना दे:खी भे पियार करह्, अरह् ऐबे तअ तिनू गाशी बिना दे:खी भे बिश्वाष करियों ऐशे खुशी अरह् मंगन हों, जिन्दे का किऐं बखाँण ने करा ज़ाँव; अरह् से बड़ियाऐ शा भरा अंदा असो;


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