प्रकाशितवाक्य 9:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 ज़ांऊं पांज़ूऐ स्वर्ग दूतै नाद बाज़ी ता मुखा शुझुअ स्वर्गा का पल़अ एक तारअ पृथूई लै, और तेऊ लै दैनी नथहऐ कूंडे कुंज़ी। See the chapterकुल्वी1 ज़ैबै पौंज़ुऐ स्वर्गदूतै तुरही फुकरी ता मैं स्वर्गा न एक तारा धौरती बै औल़दा हेरू होर तेइबै नरका रै कुण्डै री कुँज़ी धिनी, See the chapterईनर सराजी मे नया नियम1 होर जेबा पाज स्वर्गदूत अर्ज करी करे तुहरी फुकरी, तेबा मांई सरगा का धरती पेन्दे एक पडदअ तारअ हेरू, तेऊवै अथाअ कुंडा री कुंजी दीनी दी थी। See the chapter |
“ज़हा पशू तूह एभै भाल़अ आसा लागअ द, अह रहा त पैहलै पर ऐबै निं रहणअ, अह निखल़णअ नथहऐ कूंडा का बागै और परमेशरा करनअ अह ऐबै सदा लै खतम। तेखअ पृथूई दी रहणैं आल़ै ज़सरै नांअ संसारे मूल़ हणें बगती ज़िन्दगीए कताबा दी निं आथी लिखै दै, ज़ांऊं तिन्नां एऊ पशूए दशा भाल़णीं ता तिंयां प्राछणैं। अह रहा त पैहलै और एभै निं अह आथी पर अह एछणअ एकी बारी भी। (प्रगट की दी गल्ला 17:11)