प्रकाशितवाक्य 8:3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 तेखअ आअ एक होर स्वर्ग दूत सुन्नें धनैरै लई संघा खल़्हुअ सह बेदी नेल़ और तेऊ दैनअ तिधी धूप कि सोभी पबित्र लोगे प्राथणां संघै सह तेसा सुन्नैं करै महल़ी बेदी दी ज़ुंण राज़गादी सम्हनै आसा धूप दैए। (प्रगट की दी गल्ला 5:8) See the chapterकुल्वी3 फिरी एक होर स्वर्गदूत सुनै रा धूपदान लेइया आऊ होर वेदी हागै खड़ा हुआ होर तेइबै बोहू धूप धिना कि सैभ पवित्र लोकै री प्रार्थना सैंघै सुनै री तेसा वेदी पैंधै ज़ो सिंहासना सामनै सा च़ढ़ाला। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम3 तेऊकी एक होर स्वर्गदूत सुने रअ धूपदान लई करे आओ, होर बेदी रे नेड खड़अ होऊ होर तेऊबै धुपा का सभी पवित्र लोका री बिनती संघे सुने री बेदी में जोह सिंहासना रे सामने साहा चढ़ाए। See the chapter |