प्रकाशितवाक्य 5:12 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान12 तिंयां तै ज़ोरै-ज़ोरै इहअ बोलदै लागै दै, “बल़ी किअ द मिम्मूं ई आसा स्तोती और अदर करनै जोगी किल्हैकि, “तेऊए शगती आसा महान। तेऊ आसा सोभी गल्लो ज्ञैन, तेऊ का आसा खास्सअ बल और सह आसा असली दी सेठ।” (प्रगट की दी गल्ला 5:9) See the chapterकुल्वी12 होर ते उथड़ी आवाज़ा सैंघै बोला ती कि, “वध केरूआदा मेमणा सामर्थ, धन, ज्ञान, शक्ति, आदर, महिमा होर धन्यवादै रै लायक सा।” See the chapterईनर सराजी मे नया नियम12 होर त्या ज़ोरे-ज़ोरे बोलदे लागे सह काटू दअ गाभु ही सामर्थ्य होर धन, होर ज्ञान होर शक्ति, होर स्तुति होर महिमा, होर धन्यवाद लाईक साहा। See the chapter |