प्रकाशितवाक्य 2:7 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान7 “ज़ै कुंण समझ़णअ च़ाहे तै दै एसा गल्ला दी धैन कि परमेशरे आत्मां मंडल़ी लै किज़ै बोला, ज़ुंण ज़िते तेऊ लै दैणअ मुंह ज़िन्दगीए बूटा का फल़ खाणां लै ज़ुंण स्वर्गै आसा। (प्रगट की दी गल्ला 2:11) See the chapterकुल्वी7 ज़ो कोई मेरै सन्देशा बै समझ़णा चाहा सा तेइबै ध्याना सैंघै शुणना चेहिऐ ज़ो पवित्र आत्मा मण्डली सैंघै बोला सा; तिन्हां लोका बै ज़ो बुराई री शक्ति बै हरा सी मूँ ज़िन्दगी देणु आल़ै बूटै रा फौल़ खाँणै रा हुक्म देणा ज़ो परमेश्वरा रै स्वर्गीय बगीच़ै न बढ़ा सा। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम7 जासके कनेट होले त्याह शूणे, की आत्मा कलीसिया का केह बोला। जोह जय पाऊले, महा तेऊबै तेऊ जीबना रे बूटे जोह परमेश्वरा रे स्वर्ग लोका में साह फल खाणे बे दीणे। See the chapter |