प्रकाशितवाक्य 2:5 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान5 एसा गल्ला लै दैऐ धैन कि तंऐं किधी की च़ूक! आपणैं मना बदल़ और पैहलै ज़िहअ काम कर; ज़ै तूह मन नांईं फरेओए, तै च़कणअ मुंह ताह सेटा लै एछी करै तेरअ सदीअ तेसा ज़ैगा का पोर्ही। See the chapterकुल्वी5 याद केरा कि तुसै मूँ सैंघै शुरुआता न कैण्ढी झ़ुरी केरा ती होर ऐबै तुसै तैण्ढी झ़ुरी नी केरदै। तेईन पश्चाताप केरा होर मुँभै झ़ुरी केरनी शुरू केरा ज़ैण्ढा तुसै शुरूआता न केरी ती। अगर तुसै मन नी बदलू ता मूँ तुसा हागै ऐणा होर तुसरा दीवट तेसा ज़ैगा न हटाईया तुसाबै सज़ा देणी। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम5 तेबा यह याद डाहा की, तूह कंधा का पडू होर मन बदले, होर पहिले जेहडे काम करलअ, अगर तूह मना नांई बदलदअ, तेबा महा ताहा सेटा ईछी करे तेरे दीबट तेरी जगहा का दूर करने। See the chapter |