प्रकाशितवाक्य 18:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 तेखअ शूणअ मंऐं स्वर्गा का एक होर बोल, “हे मेरै लोगो, तेसा नगरी का निखल़ा ओर्ही, ताकि तम्हैं तेसे पापा दी साझ़ू नां होए, और तेसरी खरी मांझ़ै तम्हां लै निं एछे। (याशायाह 52:11; यिर्मयाह 50:8; 51:45) See the chapterकुल्वी4 फिरी मैं स्वर्गा न एक होर शब्द शुणू, “हे मेरै लोको, तेथा न निकल़िया एज़ा, कि तुसै तेइरै पापा न भागी नी होलै, होर तेइरी विपदा न कोई तुसा पैंधै नी लोड़ी पौई; See the chapterईनर सराजी मे नया नियम4 तेहुकी मांई स्वर्गे एक होर शब्द शूणू, हे मेरे लोको, तेता मे का निखला, की तमे तेसके पापा में नांई डुबे होर तेसा मुशिकला में का तमे भी मुशिकला में नांई इछे। See the chapter |