प्रकाशितवाक्य 17:3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 परमेशरे आत्मां किअ हुंह आपणैं बशै और तेखअ निंयं हुंह स्वर्ग दूतै उज़ल़ बणां लै। मंऐं भाल़ी एक बेटल़ी लाला रंगे पशू प्रैंदै शुंआर। तेऊए तै सात मूंड और दस शींग और तेऊए देही दी आसा ती परमेशरे निंदा लिखी दी। See the chapterकुल्वी3 तैबै तेइयै हांऊँ पवित्र आत्मा न जंगल बै नेऊ होर मैं लाल रोंगै रै पशु पैंधै ज़ो निन्दा रै नाँ लाइया भौरूआन्दा ती होर ज़ौसरी सौत मुँडी होर दस शींग ती एक बेटड़ी बेठीदी हेरी। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम3 तेबा तेऊ हाऊं पवित्र आत्मा में बूणा फेरा वै निऊ, होर माँई लाल रांगा रे जानबरा पेन्दे, जोह निन्दा रे ना संघे भरु दअ थी, होर ज़ासरे सात मुड़, होर दस शीग थी, तेता पेन्दे मांई एक वेटडी वैठी दी हेरी। See the chapter |