प्रकाशितवाक्य 16:9 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान9 लोग दझ़ै सुरज़े घमास्सा करै और तिन्नैं की परमेशरे निंदा किल्हैकि तिन्नां घोर खरी दी आसा त तेऊ ई हक। पर तज़ी बी निं तिन्नैं लोगै पाप करनै का मन बदल़अ और अज़ी बी निं तिन्नैं परमेशरे ज़ै ज़ैकार की। See the chapterकुल्वी9 होर मांहणु बड़ै सेकै लाइया झ़ड़ासुऐ होर परमेश्वरै रै नाँ री ज़ौसबै इन्हां विपदा पैंधै अधिकार सा, निन्दा केरी होर तेइरी महिमा केरनै री तैंईंयैं मन नी बदलू। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम9 मणश बडे धुपे का झलुशी, होर परमेश्वरा रे ना री जासु याहा मुशिकला पेन्दे अधिकार साहा, निंदा वै नांई मन फरेऊ होर ना महिमा करी। See the chapter |
बाकी मणछ, ज़ुंण तिन्नां माहा मरी करै नांईं मूंऐं, तिन्नैं निं आपणैं बूरै कामां का मन बदल़अ। तिन्नैं निं हत्या, ज़ादू टोणअ, कंज़रैई, च़ोरी करनी छ़ाडी। तिन्नैं निं भूत और तिन्नां च़िज़े भगती और पूज़ा करनी छ़ाडी ज़ुंण तिन्नैं आपणैं हाथा करै आसा बणांईं दी, ज़िहै कि सुन्नैं, च़ंदी, पितल़, पात्थर और काठा करै बणीं मुर्ति ज़ुंण नां भाल़ी सकदी और नां शूणीं और नां हांढी सकदी। (2 इतिहास 34:25)