प्रकाशितवाक्य 14:2 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान2 मंऐं शूणअ स्वर्गा का पाणींए छ़ोआ ज़िहअ शणकार या बडै गुल़ूबिज़ल़ू ज़िहै बोल। अह बोल ज़ाण्हिंआं त इहअ ज़ाणनअ बींन बाज़णैं आल़ै आसा बींन बाज़दै लागै दै। (यजकेल 43:2) See the chapterकुल्वी2 होर स्वर्गा न मुँभै एक ऐण्ढा शब्द शुणुआ, ज़ो बोहू पाणी री बड़ी छ़ेड़ा सांही ती होर ज़ो शब्द मैं शुणू सौ ऐण्ढा ती कि ज़ैण्ढै कोई वीणा बज़ाणू आल़ै वीणा बज़ाँदै लागैदै होलै। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम2 होर स्वर्ग का माए यह शब्द शुणु, जोह पाणी री छेड़ा जेड़अ होर गरूडू जेहअ थी होर जोह शब्द मांई शुणु थी, माना बीणा बजाऊण आले बीणा बाजदअ लागअ साहा। See the chapter |