प्रकाशितवाक्य 13:6 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान6 तेऊ पशू खोल्ही परमेशरे निंदा करना लै आपणीं खाख और तेऊ की तेऊए नांओंए और पबित्र ज़ैगा ज़िधी सह रहा तेते निंदा और तिन्नां सोभी लोगे निंदा ज़ुंण स्वर्गै रहा। See the chapterकुल्वी6 तेइयै परमेश्वरै री निन्दा केरनी शुरू केरी। सौ परमेश्वरै रै नाँ होर तेइरै मन्दिर होर ज़ो स्वर्गा न रौहा सी तिन्हरी निन्दा केरदा लागा। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम6 तेऊये जानबर परमेश्वरा री निंदा करने री तणी, मुँह खोलू, की तेऊर ना होर तेऊरे तांबू मतलब स्वर्ग में रहणे आले री निन्दा करे। See the chapter |
इना गल्ला भाल़णैं का बाद शुझुअ मुखा स्वर्गै एक घुआल़ी दुआर। तेखअ शूणअ मंऐं कि मुल्है आसा कुंण बोलदअ लागअ द और सह आसा त सह ई ज़ुंणी मुंह संघै पैहलै गल्ला की ती और ज़सरै बोल नादा ज़िहै तै। तेखअ बोलअ तेऊ मुल्है, “उझै एछ इधा लै, और मुंह रहैऊंणीं ताखा तिंयां गल्ला, ज़ुंण आजू पाक्कै दी हणीं।” (प्रगट की दी गल्ला 22:6)