प्रकाशितवाक्य 13:3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 मंऐं भाल़अ तेऊए मुंडै एक बडअ भारी बडअ खाढ पल़अ द, और सह ज़ाण्हिंआं त ज़िहअ कि एतरै बडै ज़खमा करै मरनअ सह। पर सह हुअ राम्बल़अ और सारी पृथूईए लोग प्राछुऐ तेता भाल़ी और तिंयां लागै तेऊए मनी तेऊ पिछ़ू हांढदै। See the chapterकुल्वी3 मैं हेरू कि तेइरी एक मुँडी पैंधै ऐण्ढै गैहरा ज़ख्म सा, ज़ैण्ढा कि सौ मौरनै पैंधै सा, फिरी तेइरा सौ गैहरा ज़ख्म भौरूआ, होर सारी दुनिया रै लोका हैरान होईया तेई पशु पिछ़ै-पिछ़ै च़लै। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम3 मांई तेऊरे मुंडा में एडअ जख्म निखलदअ हेरू, हेरा सह मरने आलअ साहा, तेऊकी तेऊरा जख्म ठीक होऊ, होर सारी धरती रे लोका तेऊ जानबरा रै पिछे-पिछे अचम्भा करी करे हांडदे लागे । See the chapter |
ज़ुंण सह बेटल़ी तंऐं भाल़ी, अह आसा एक बडी नगरी ज़ुंण पृथूई दी सोभी प्रैंदै राज़ करा। ईंयां गल्ला हुई तैहा लै तै कि किल्हैकि परमेशरा पाणअ तिन्नें मनैं इहअ कि तिंयां आपणअ मकसद पूरअ करे। तैही दैनअ तिन्नैं आपणअ हक तेऊ पशू लै कि सह तेभै तैणीं तिन्नां प्रैंदै राज़ करे ज़ेभै तैणीं परमेशरै बोलअ द बैण पूरअ निं हई जाए।”
“ज़हा पशू तूह एभै भाल़अ आसा लागअ द, अह रहा त पैहलै पर ऐबै निं रहणअ, अह निखल़णअ नथहऐ कूंडा का बागै और परमेशरा करनअ अह ऐबै सदा लै खतम। तेखअ पृथूई दी रहणैं आल़ै ज़सरै नांअ संसारे मूल़ हणें बगती ज़िन्दगीए कताबा दी निं आथी लिखै दै, ज़ांऊं तिन्नां एऊ पशूए दशा भाल़णीं ता तिंयां प्राछणैं। अह रहा त पैहलै और एभै निं अह आथी पर अह एछणअ एकी बारी भी। (प्रगट की दी गल्ला 17:11)