प्रकाशितवाक्य 13:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 तेखअ भाल़अ मंऐं एक होर पशू समुंदरा का निखल़दअ, तेऊए तै दस शींग और सात मूंड तेथ तै राज़ मुगट और तेथ ती परमेशरा लै निंदा लिखी दी। (दानिएल 7:3; प्रगट की दी गल्ला 12:3) See the chapterकुल्वी1 फिरी मैं समुन्द्रा न एक खतरनाक पशु बाहरै ऐन्दा हेरू, तेइरै दस शींग ती होर सौत मुँडी ती होर आपणै शींगा पैंधै तेइयै दस राज़शाही मुकट लाऐ ती। तेइरी मुँडी पैंधै परमेश्वरा री निन्दा रै नाँ लिखुऐदै ती। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम1 तेबा मांई एक जानबर समुन्द्रा कअ निखलदअ हेरू, तेऊरे दस शिंग होर सात मुंड थी। तेऊरे शिंगा में दस राजमुकट, होर तेऊरे मुंडा में परमेश्वरा री निन्दा करन आले रे ना लिखी दे थी। See the chapter |