प्रकाशितवाक्य 10:8 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान8 तेखअ शूणअ भी मंऐं एक बोल सह बोलअ मुल्है स्वर्गा का। सह बोल बोला त मुल्है इहअ, “डेऊ, ऐहा कताबा ज़ुंण स्वर्ग दूते हाथै खुल्ही दी ज़ुंण समुंदरै और समुंदरे बाढै धरती दी आसा खल़्हुअ द।” See the chapterकुल्वी8 होर ज़ो शब्द केरनु आल़ा मैं स्वर्गा न बोलदा शुणू ती, सौ भी मूँ सैंघै गैला केरदा लागा कि, “ज़ा ज़ो स्वर्गदूत समुन्द्र होर धौरती पैंधै खड़ा सा, तेइरै हौथै री खुली कताब ले।” See the chapterईनर सराजी मे नया नियम8 जो शब्द मांई स्वर्गा का बोलदअ शुणु, सह मांई संघा तेहुकि गला करदअ लागअ तेऊए महा बे बोलू ना जोह स्वर्गदूत समुन्दरा में होर धरती में खडअ साहा तेऊरे हाथ जोह खुली दी कताबा लआ। See the chapter |