प्रकाशितवाक्य 10:6 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान6 ज़ुंण जुगै-जुगै ज़िऊंदअ आसा और ज़ुंणी स्वर्ग, पृथूई, समुंदर और सोभै गल्ला बणांईं तेऊए सोह काढी करै बोलअ, (प्रगट की दी गल्ला 4:11) See the chapterकुल्वी6 होर ज़ुणी ज़ुग-ज़ुग ज़िन्दै रौहणा ज़ुणियै स्वर्ग, धौरत होर समुन्द्र होर ज़ो किछ़ ऐथा न सा बणाऊ तेही री कसम खाईया बोलू कि, “ऐबै ता होर देर नी होंणी।” See the chapterईनर सराजी मे नया नियम6 होर तेऊरी कसम खाई करे जुगे -जुगे जिऊंदे रहणा, होर जासुऐ सरग जोह कुछ तेता में साहा होर धरती जोह कुछ तेता में साहा होर समुन्दर होर जोह कुछ तेता में बनाऊ दा साहा तेत्की कसम खाई करे बोलू, एबा होर देर नांई हुणी। See the chapter |