प्रकाशितवाक्य 10:2 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान2 तेऊए हाथै ती एक होछ़ी ज़ेही खुल्ही दी कताब, तेऊ त आपणअ दैहणअ खूर समुंदरै और बाऊंअ खूर त धरती दी डाहअ द। See the chapterकुल्वी2 तेइयै आपणी दैहिणी ज़ोंघ समुन्द्रा न होर बाँउईं ज़ोंघ धौरती पैंधै रखी। तेइरै हौथा न एक होछ़ी ज़ेही खुली कताब ती। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम2 तेऊरे हाथा में एक होच्छी जेही कताब खोली दी थी तेऊए आपणे धुरे हाथे समुद्र होर बाय हाथ धरती पेन्दे डाऊ। See the chapter |