प्रकाशितवाक्य 10:1 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान1 तेखअ भाल़अ मंऐं जोधअ स्वर्ग दूत। तेऊ फेर तै बादल़ और सह आसा त लागअ द स्वर्गा का उंधै होथदअ, तेऊए मुंडा प्रैंदै ती फणैरी ता तेऊओ मुंह आसा त सुरज़ा ज़िहअ और तेऊए खूर तै आगीए थाम्हा ज़िहै। See the chapterकुल्वी1 फिरी मैं एक होर बलवान स्वर्गदूत बादल ओढ़िया स्वर्गा न उतरदा हेरू। तेइरी मुँडी पैंधै मेघधनुष ती होर तेइरा मुँह सूरज़ा सांही होर तेइरी ज़ोंघा औगी रै थौम्बै सांही ती। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम1 तेऊकी मांई एक होर शक्तिशाली स्वर्गदूत बादला में लपेटी करे स्वर्गा का इन्द हेरू। तेऊरे मुड़ा पेन्दे मेघधनुष थी, तेऊरे मुह सुरजा साही होर तेऊरी जाघा आगि रे मसले साही थी। See the chapter |