प्रकाशितवाक्य 1:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 हुंह युहन्ना लिखा एता तम्हां विश्वासी लै ज़ुंण एशिया लाक्कै साता मंडल़ी दी आसा। हुंह करा एही प्राथणां कि तम्हां लोल़ी परमेशरा का जश और शांती भेटी। सह आसा इहअ परमेशर ज़ुंण सदा तिहअ ई रहा, सह ज़ुंण आझ़ आसा, आझ़ा का पैहलै त और आजू बी रहणअ। तिन्नां साता आत्मां बाखा बी लोल़ी झींण और शांती भेटी ज़ुंण तेऊए राज़गादी सम्हनै आसा See the chapterकुल्वी4 हांऊँ यूहन्ना ऐ चिट्ठी तुसा सौत मण्डली रै विश्वासी बै लिखदा लागा सा ज़ो आसियै प्रदेशा न रौहा सी। हांऊँ प्रार्थना केरा सा की परमेश्वर तुसाबै आपणी झ़ुरी होर शान्ति दै, ज़ो सा, ज़ो ती होर ज़ुण ऐणु आल़ा सा, होर तिन्हां सौत आत्मै री तरफा न ज़ो परमेश्वरा री सिंहासना रै सामनै सी, See the chapterईनर सराजी मे नया नियम4 यूहन्ना री तरफा का आसिया री सात कलीसिया रे ना, तेऊरी तरफा का अनुग्रह, होर जोह साहा, होर जोह ईहंण आलअ साहा, होर त्याहा साता आत्मा रा मेल, जोह सिंहासन रे सामने साहा। See the chapter |