फिलिप्पी 4:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 प्रभू दी रहा सदा नंद, हुंह बोला एता तम्हां लै भी कि नंद रहा! See the chapterकुल्वी4 प्रभु न हमेशा खुश रौहा, हांऊँ फिरी बोला सा खुश रौहा। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम4 प्रभु में सदा खुश रहा; हाऊं भी बोला, आनन्दित रहा। See the chapter |