फिलिप्पी 4:10 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान10 हुंह आसा प्रभू दी नंद और खुश कि एतरै धैल़ै बाद फिरी तम्हां भी मेरी आद और तम्हैं दैनअ मुल्है दान। तम्हैं सोठअ होए एते बारै पैहलै बी कई बारी पर तम्हां निं मोक्कअ भेटअ। See the chapterकुल्वी10 हांऊँ प्रभु न बड़ा खुश सा कि ऐतरै रोज़ा बाद मेरी याद केरी सा होर मज़त केरी, ज़रूर शुरू न तुसाबै बी भी ऐ विचार ती, पर तुसाबै मेरी मज़त केरनै रा मौका नैंई मिलु। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम10 हाऊं प्रभु में आनन्दित साहा कि एबा एतरी धयाडी बाद थारी बिचार मेरे बारे में भी जगृत होई; किबेकि तमा पहिल का भी एतका पता थी , पर तमा मोका नांई भेटा। See the chapter |