फिलिप्पी 2:2 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान2 तै करा मेरी एसा खुशी पूरी कि एक मन रहा और एक्कै ई झ़ूरी, एक सोठ और हर काम करनअ सोभी मिल़ी-ज़ुल़ी करै एक मन बणांईं। See the chapterकुल्वी2 ता ऐबै मेरी ऐ खुशी पूरी केरा कि एक मन होईया रौहा होर ऐकै प्यार, एक मन, होर एक विचार रखा। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम2 तेबा मेरा यह आनन्द पूरा करा कि एकमन रहा होर एक ही प्रेम, एक ही चित्त, होर एक ही मनसा डाहा। See the chapter |