इफिसियों 5:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 नां होरी संघै नशर्म गल्ला करनी, नां सुहांगा मखौल करनअ, किल्हैकि ईंयां गल्ला निं हाम्हां शोभा दैंदी। पर तम्हैं लोल़ी परमेशरा लै शूकर किअ। See the chapterकुल्वी4 होर न शर्मिदा री, होर न मुर्खता री गैला री, न मज़ाक री, किबैकि ऐ गैला ठीक नी होन्दी, पर तुसा न हमेशा परमेश्वरा रा धन्यवाद देऊआ लोड़ी। See the chapterईनर सराजी मे नया नियम4 होर नाह निर्लज्जता, नाह मुर्खता री गला बात करी, नाह ठठे करी; किबेकि या गला शोभा नांई दिन्दी, पर धनयवाद ही शुणु लोडी। See the chapter |
मंऐं लाअ ताल्है किज़ै इहअ बोली ज़ुंण ताह करनअ लागे। ज़ुंण हक मुल्है मसीहा आसा दैनअ द, तेता करै सका त हुंह ताल्है इहअ करनैओ हुकम दैई, पर हुंह निं इहअ च़ाहंदअ। पर हुंह बोला एही ताल्है एता करना लै किल्हैकि हाम्हैं करा एकी दुजै और परमेशरे लोगा संघै झ़ूरी। ऐबै करा ताखा हुंह पल़सी प्रोढअ मणछ अरज़ और सह ज़ुंण लोगै कैद खानै दी आसा बंद किअ द, किल्हैकि हुंह करा मसीहा ईशूए सेऊआ।
ज़ेही समुंदरे बडी-बडी छ़ाली बासली शेफा छ़ाडा, तिहै करा ईंयां लोग शर्मिंदै करनै आल़ै काम। तिंयां आसा इहै तारै ज़िहै ज़ुंण सिधी बाता निं हांढदै, तिंयां निं ठीक बात खोज़ी सकदै। तम्हैं निं इना लोगा ज़िहै हई। परमेशरै आसा इना लोगा लै एक ज़ैगा डाही दी ज़िधी सदा न्हैरअ रहणअ, ज़िधी प्रैशअ आथी ई निं आथी। (याशायाह 57:20)