27 हा ओ बिमार तां हुता, ते ओ वी इतना कि जिंवे मरती ही जई। पर नरीकारा ने ओचे उपर दया करली। ना कि ओचे उपर बल्कि माये उपर वी ताकि मनु ङुखा उपर ङोख ना हो।
वां ङिहां मां वा बिमार हुती कर मरती गेली ते वाणे विनु झूलातीकर चौब़ारे उपर मेहलती ङिले।
तम्ही कुई इसड़ी परीक्षा मां कोनी पड़ले, जको इन्साना चे सेहणे कनु ब़ाहर छै। ते नरीकार भरोसेमन्द छै ओ तम्हानु कुई इसड़ी परीक्षा मां नी पड़ु ङी, जको तम्चे सेहणे कनु पार हो। पर ओ परीक्षा चे लारे उपा वी करी कि तम्ही मजबूत रेह सग़ा।
ऐवास्ते ईं ठीक छै कि ओचा अपराध माफ करा, ते तसल्ली ङिया, कङी इसड़े ना हो कि इसड़े इन्सान उदासी मां ब़ुङती जाओ।
कांकि ओचे मन तम्चे सारा वास्ते लाग़ले रेहते, ऐवास्ते ओ उदास रेहता कांकि तम्ही ओची बिमारी चा हाल सुणला हुता।
ऐवास्ते मैं ओनु होर वी जल्दी भेज़े पला ताकि तम्ही ओनु ङेखा हेक वारी बल्ति खौश हुती जावा ते माये ङोख वी कम हुती जाओ।
कांकि ओ मसीह चे कामा वास्ते आपणे जेन्द ङुखी करती मौत चे गोढु आती गेलता ताकि जको कमी तम्चे तरफु माई सेवा मां हुली वा पुरी करो।