“मैं तम्हानु किहे पला कि यूंही करती कर हेक मन फिरावणे आले पापीया चे बारे मां वी स्वर्ग़ा मां इतनी ही खुशी हुवी, जितना कि वां निन्याणवे इसड़े धर्मीया चे बारे मां नी हुवी, जानु मन फिरावणे ची जरुरत कोनी।
नरीकार, जाई सेवा मैं आपणी आत्मा लारे ओचे पूता चे सुसमाचार चे बारे मां करे, ओही माया ग़वाह छै कि, मैं किवें आपणी प्राथना मां लगातार तम्हानु याद करता रिहे।
कांकि मैं अगर शरीर चे भाव लारे तम्हा कनु दूर छै, तां वी आत्मिक रीति लारे तम्चे लारे छै, ते तम्चे विधि चे अनुसार आचरण ते तम्चा विश्वास जको मसीह मां छै मजबूत ङेखती कर खौश हुवे।