काहेका मुखिया ला परमेस्वर को खजांची होवन को कारन कलिसीया को मुखिया ला निरदोस होवनो चाव्हसे। न ता जिद्दी, न ता गुस्सा करनवालो, न ता पियक्कड़, न मारपीट करन वालो, न ता नीच कमाई को लोभी होय,
परमेस्वर बैईमान नाहती। उ तुमारो काम अना तुमरो पिरेम ला, नही बिसरा सकत। जो तुमी ना वोको नाव को महिमा को लाय करयो सेव। अना पवीतर सन्तगिन को सेवा करासो, अना अबा भी करासो।
उन लोक हुन को लाई यो लगत बुरो से का उनना कैन को सो वाच रास्ता बेचयीसेस। न कमान को लाई उनना आपरो आपला वसोच गलतीको सुपुरुत कर देईस जसो बिलाम ना करयो होतो। एकोलाई वयच नास होय जाहेत जसो कोरह को बिरोध मा पराय लेवन वालो नास कर देयो गयो होतीन।