परमेस्वर सब परकार को किरपा तुमला देव सकसेत। जोन लक हरेक बात मा हरेक बेरा मा, सबच काही जोन तुमला जरुरी सेत, तुमरो कठा रहेत अना हरेक साजरो काम काजी, तुमरो जवर लगत काही होहे।
तुमीना आपरो जोन लोकगीन जेलमा होतिन उनको सुदी लियो अना जबा तुमी लोकगीन को धन जपत कर लियो गयो तो तुमीना हूँ लक चूँ नही कव्हयो, काहेका तुमी जानत होतो का एको लक कही साजरा अना हमेसा को संपति तुमरो कठा सेत।