“मय त यहूदी आदमी आय, जो किलिकिया को तरसुस म जनम लियो; पर यो नगर म गमलीएल को पाय को जवर बैठ क पढ़ायो गयो, अऊर बापदादों की व्यवस्था की ठीक रीति पर सिखायो गयो; अऊर परमेश्वर लायी असी धुन लगायो होतो, जसो तुम सब अज लगायो हय।
तब पौलुस न यो जान क कि एक दल सदूकियों अऊर दूसरों फरीसियों को हय, सभा म पुकार क कह्यो, “हे भाऊ, मय फरीसी अऊर फरीसियों को वंश को आय, मरयो हुयो की आशा अऊर जीन्दो होन को बारे म मोरो मुकद्दमा चल रह्यो हय।”
उन दिन म जब चेलां की संख्या बहुत बढ़न लगी, तब यूनानी भाषा बोलन वालो इब्रानी भाषा बोलन वालो पर कुड़कुड़ान लग्यो, कि हर दिन की सेवकायी म हमरी विधवावों की सुधि नहीं ली जावय।