4 पर मय त बाहरी रीति रिवाज पर भी भरोसा रख सकू हय। यदि कोयी यो समझय हय कि ऊ बाहरी रीति रिवाज पर भरोसा कर सकय हय, त मय अऊर भी असो कर सकू हय।
“येकोलायी चौकस रहो कि तुम कौन्सो तरह सी सुनय हय? कहालीकि जेको जवर हय ओख दियो जायेंन, अऊर जेको जवर नहाय ओको सी ऊ भी ले लियो जायेंन, जेक ऊ अपनो समझय हय।”
यानेकि अब सी हम कोयी ख आदमी की समझ को अनुसार नहीं समझबोंन। फिर भी हम न मसीह ख भी आदमी की समझ को अनुसार जान्यो होतो, तब भी अब सी ओख असो नहीं जानबोंन।
हम त जनम सी यहूदी हय, अऊर पापी गैरयहूदियों म सी नहाय।