21 ऊ अपनी शक्ति को ऊ प्रभाव को अनुसार जेको द्वारा ऊ सब चिजों ख अपनो अधिकार म कर सकय हय, हमरी कमजोर शरीर को रूप बदल क, अपनी महिमा को शरीर को अनुकूल बनाय देयेंन।
हे प्रिय संगियों, अब हम परमेश्वर की सन्तान हय, अऊर अभी तक यो प्रगट नहीं भयो कि हम का कुछ होयेंन। इतनो जानजे हय कि जब ऊ प्रगट होयेंन त हम ओको जसो होबो, कहालीकि ओख वसोच देखबोंन जसो ऊ हय।